अल्मोड़ा। विधान सभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने एक बार फिर जिला प्रशासन के काम पर सवाल उठाए। उन्होंने प्रशासन की ओर से विधायक निधि की रकम से खरीदे गए आक्सीमीटर को खराब बताए हुए वापस लौटा दिए। इस मामले में डीएम को पत्र लिखकर कंपनी का भुगतान रोकने के लिए निर्देश दिए हैं। चौहान ने बताया कि कोविड 19 की रोकथाम के लिए उन्होंने आक्सीमीटर,आक्सीजन प्लांट लगाने सहित अन्य कार्यो के लिए 1 करोड़ की रकम जारी की थी। अभी मुख्य विकास अधिकारी की ओर से 643 आक्सीमीटर खरीदे गए हैं। 25 मई को वह इन आक्सीमीटर को बांटने के लिए हवालबाग ब्लाक के गांव में गए। लोग इनकी सही रीडिंग नहीं आने की शिकायत करने लगे। जब अन्य लोगों ने भी यह शिकायत की तो वह सारे आक्सीमीटर लेकर सीडीओ दफ्तर गए। यहां पर उन्होंने आक्सीमीटर सीडीओ को दे दिए। उन्होंने बताया कि इस मामले में डीएम को उन्होंने पत्र भी भी लिखा है।
विधान सभा उपाध्यक्ष ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिले। इसके लिए उन्होंने अपनी विधान सभा क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य उपकरण सहित अन्य कार्य के लिए विधायक निधि से रकम जारी की। जो आक्सीमीटर प्रशासन की ओर से खरीदे गए। वह खराब हैं। इससे लोगों के समक्ष भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि इससे उनकी छवि खराब होने के साथ ही सरकार की छवि भी खराब हो रही है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रशासन की ओर से विधायक निधि की रकम से जो आक्सीमीटर खरीदे गए हैं। यह खराब हैं। लोगों को वितरण के बाद ये शिकायत सामने आई। इसलिए मैंने सारे आक्सीमीटर सीडीओ को दे दिए हैं। डीएम को इस मामले में पत्र लिखा है। जिस कंपनी से आक्सीमीटर खरीदे गए हैं। उनका भुगतान रोक दिया जाय। जो भी आक्सीमीटर खरीदे गए हैं। उनका भुगतान विधायक निधि की रकम से नहीं किया जाय। कंपनी पर कार्रवाई की जाय। विधायक निधि से जो भी उपकरण खरीदे जाय। वह ब्रांडेड कंपनी का होना चाहिए। जो उपकरण अभी खरीदे गए हैं। उसमें जीएसटी बहुत कम हुई है। रेट भी कम हुए हैं।
मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडेय ने कहा कि आक्सीमीटर में शिकायत के बाद आक्सीमीटर वापस लौटा गए हैं। जिस देहरादून की कंपनी से उपकरण खरीदे गए हैं। उसे कल बुलाया गया है। सभी आक्सीमीटर की जांच की जायेगी। यदि इनमें खराबी आती है तो संबंधित कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जायेगा।