चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल के पटुवाडांगर को फिल्म सीटी बनाने की राह एक बार फिर खुलने के आसार है। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के पूर्व सदस्य व अनामिका फिल्म सोसाईटी नैनीताल के अध्यक्ष सुर्दशन साह पिछले छह सालों से पटुवाडांगर को फिल्म सीटी बनाने का प्रयास कर रहे है। लेकिन सरकार की ओर से रूचि नही दिखाई जा रही थी। बीते दिनों अनामिका फिल्म सोसाईटी नैनीताल के अध्यक्ष सुर्दशन साह ने सीएम तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर फिल्म सीटी बनाने की मांग की। समझा जा रहा है कि इसी क्रम में आज गुरूवार को शाम 5 बजे प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी पटवाडांगर में फिल्म सिटी निर्माण के लिए भूमि आदि का निरीक्षण करेंगे। बता दें कि फिल्म निर्माण के लिए कभी नैनीताल की वादियां फिल्मकारों की पहली पसंद हुआ करती थी। लेकिन राज्य बनने के बाद यहां कम ही फिल्मों की शूटिंग हुई। तर्क दिया जाता है कि नैनीताल में रेल हैड, एयरपोर्ट व भारी वाहन मार्ग की सुविधा नही होने से फिल्मकार यहां आने से कतराते है। इन्ही बुनियादि सुविधाओं को जुटाने के लिए नैनीताल के नजदीक पटुवडांगर में फिल्म सीटी बनाने के प्रयास हुए। लेकिन सरकार की बेरूखी व ब्यूरोक्रेसी की मनमानी के चलते ॅिल्म सीटी नही बन पाई। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत द्वारा देहरादून के डोईवाला को फिल्म सीटी बनाने की घोषणा की थी। जिससे कुमाऊं के नैनीताल स्थित पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के प्रयासों को भी झटका लगा। 2016 में हरीश रावत सरकार द्वारा गठित इस समिति के प्रस्ताव पर ही हरीश रावत सरकार ने पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने की घोषणा की थी। लेकिन इसके बाद मामला शासन स्तर पर अटका रहा। पटुवाडांगर को फिल्म सीटी बनाने को लेकर बहुत काम हो चुका है। लेकिन पूर्व में नैनीताल के पटुवाडांगर को फिल्म सीटी बनाये जाने को लेकर ब्यूरोक्रेसी की एक लाबी पहले से ही अड़ंगा लगा रही है। इस दौरान पटुवाडांगर की 103 एकड़ भूमि को अन्य संस्थानों को सौंपने के प्रयास भी किये गये। फिल्म परिषद के एक पूर्व सदस्य सुर्दशन साह ने सीधे आरोप लगाया है कि पटुपवाडांगर को फिल्म सीटी बनाये जाने के लिए बहुत कार्य हो चुका है। इसमें सीएम तीरथ रावत भी अपनी सहमति दे चुके थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक लाबी पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने में बाधा डाल रही थी। यहां बता दें कि 2016-17 में देहरादून में चल रहे इनवेस्टर समिट में नैनीताल के पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के लिए मुहर लग गई थी। फिल्म इनवेस्टर समिट में फिल्म सैंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी व काबिना मंत्री यशपाल आर्य ने पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के लिए हामी भर दी थी। समिट में तय किया गया था कि बाहर से आने वाले फिल्मकारों को फिल्म निर्माण के लिए गढ़वाल व कुमाऊं में फिल्म सीटी का निर्माण किया जायेगा। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष हेमंत पांडे व श्रीकृष्ण नौटियाल सहित सभी सदस्यों ने नैनीताल के निकट स्थित 103 एकड़ में फैली पटवाडांगर संस्थान का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि कुमाऊं की फिल्म सीटी बनाये जाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। नैनीताल के निकट पटवाडांगर में 103 एकड़ सरकारी भूमि व 50 से अधिक भवन है। इस समय यह सम्पत्ति पंतनगर विश्वविद्यालय के पास है। मूल में यह सम्पत्ति स्वास्थ्य विभाग की है। जो इस समय विरान पड़ी है। यहां करोड़ों की संपत्ति बरबाद हो रही है। यह क्षेत्र फिल्म अवस्थापना व फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा पड़ा है। 2016 में सीडीओ व निदेशक पर्यटन व उप निदेशक सूचना इस क्षेत्र का निरीक्षण कर चुके हैं। 17 दिसम्बर 2016 को पुनः सीडीओ ने भी पटवाडांगर का निरीक्षण किया। उप निदेशक पर्यटन जेसी बेरी ने भी पटवाडांगर का निरीक्षण कर कहा था कि क्षेत्र आदर्श फिल्म सीटी बन सकती है। इसके अलावा उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष हेमंत पांडे ने भी इसका निरीक्षण किया। इधर फिल्म अभिनेता व पूर्व उपाध्यक्ष उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद हेमंत पांडे ने कहा है कि हमने दो वर्षों तक बिना बजट ही कार्य किया। फिल्म निर्माण मामले में बालीबुड में भी प्रयास किये गये। परिषद ने कुमाऊं के नैनीताल स्थित पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये। इसके अलावा प्रदेश के कलाकारों व फिल्म निर्माण के लिए भी बहुत कुछ सोचा जा रहा था। मेरा मानना है कि भविष्य में परिषद का गठन हो उसे सरकार पूरी मदद करे। उत्तराखंड में फिल्म निर्माण की बहुत संभावना है। इस ओर विशेष ध्यान दिया जाना होगा। खास तौर पर कुमाऊं के नैनीताल स्थित पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के प्रयास जारी रखे जाने चाहिए। उत्तराखंड में कलाकारों के लिए भी अभी बहुत कुछ किया जाना है।
अधिकारियों लाबी डाल रही थी पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने में बाधा
नैनीताल। पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के प्रयास पूर्व से ही किये जा रहे है। मालूम हो कि पूर्व सूचना महानिदेशक डा. पंकज पांडे की ओर से 2016 के आरंभ में उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद को भंग करने के आदेशों के बाद कुमाऊं के नैनीताल स्थित पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के प्रयासों को भी झटका लगा था। 2016 में हरीश रावत सरकार द्वारा गठित इस समिति के प्रस्ताव पर ही हरीश रावत सरकार ने पटवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने की घोषणा की थी। इस समिति के पदेन अध्यक्ष सीएम होते है। जबकि इस परिषद में जाने माने फिल्म अभिनेता हेमंत पांडे व गढ़वाल के श्रीकृष्ण नौटियाल को उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक लोग इसके सदस्य बनाये गये थे। बाद में उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद को भंग कर दिया गया था। इसके बावजूद परिषद ने भविष्य में कुमाऊं के नैनीताल स्थित पटवाडांगर में फिल्म सीटी बने इसके लिए महत्वपूर्ण कार्य किये। परिषद के पूर्व सदस्य सुर्दशन साह ने बताया कि 2016 को देहरादून में आयोजित फिल्म इनवेस्टर समिट में फिल्म सैंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी व काबिना मंत्री यशपाल आर्य ने पटुवाडांगर में फिल्म सीटी बनाने के लिए हामी भर दी थी।
सभी ने कहा था पटवाडंागर को ही बनायेंगे फिल्म सीटी
नैनीताल। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष हेमंत पांडे व श्रीकृष्ण नौटियाल सहित सभी सदस्यों ने नैनीताल के निकट स्थित 103 एकड़ में फैली पटवाडांगर संस्थान का एक वर्ष पूर्व निरीक्षण करने के बाद कहा था कि कुमाऊं की फिल्म सीटी बनाये जाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। नैनीताल के निकट पटवाडांगर में 103 एकड़ सरकारी भूमि व 50 से अधिक भवन है। इस समय यह सम्पत्ति पंतनगर विश्वविद्यालय के पास है। मूल में यह सम्पत्ति स्वास्थ्य विभाग की है। जो इस समय विरान पड़ी है। यहां करोड़ों की संपत्ति बरबाद हो रही है। यह क्षेत्र फिल्म अवस्थापना व फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा पड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पटवाडांगर में फिल्म सीटी स्थापना की घोषणा के बाद बोर्ड निरंतर प्रयास किया जा रहा था। लेकिन अधिकारियों ने इसमें बड़ी बाधा पहुंचाई। अब समिट में चर्चा के बाद फिल्म सीटी बनाने का रास्ता फिलहाल प्रसस्त होता दिखाई दे रहा है।