कोरोना की दूसरी लहर के बाद भी नैनीताल-मसूरी पहुंच रहे पर्यटकों से हाईकोर्ट नाराज, सरकार से मांगा जवाब

ख़बर शेयर करें -

नैनीताल। कोरोना की दूसरी लहर अभी तक खत्म नहीं हुई, इसके बाद भी नैनीताल व मसूरी में पर्यटकों की हो रही भीड़ पर उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को अपना परिचय जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। उत्तराखंड में तेजी से बढ़ है कोरोनावायरस चार धाम यात्रा हरिद्वार कुंभ में भी अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिए हैं। आज सुनवाई के दौरान अधिवक्ता व याचिकाकर्ता दुष्यंत मैनाली के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि कोरोना काल में राज्य सरकार के द्वारा स्थानीय लोगों के लिए पाबंदियां लगाई हैं लेकिन सभी हिल स्टेशनों पर पर्यटक आ रहे हैं। उनके लिए राज्य सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था या नहीं की गई है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए दी गयी छूट पर पुनर्विचार करें और कोर्ट को बताएं।डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए जो सैम्पल भेजे गए हैं उनकी रिपोर्ट का विवरण,जहाँ सैम्पल लिए गए हैं उन जिलों के अधिकारियों ने सावधानी के लिए क्या निर्णय लिए हैं। राज्य के कितने सरकारी कितने निजी अस्पतालों में एमआरआई है, कितनों में नहीं है इसकी रिपोर्ट दें। कितने पीडियाट्रिक (बाल रोग) वार्ड हैं, बेड हैं। कितनी सीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध हैं कहाँ नहीं हैं इसकी लिस्ट दें। प्रतिदिन कितना वैक्सिनेशन प्रदेश में हो रहा है, कितनों को फर्स्ट डोज लग गयी है। प्रतिदिन का रेट। कितनी बुजुर्ग व्यक्तियों और विकलांगों को अब तक वैक्सीन लग चुकी है और उसके लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए। क्या नियर टू होम वैक्सीनेशन क्लिनिक के बारे में सरकार ने कोई विचार किया है।

Ad