हल्द्वानी। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर महानगर कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार व कुंभ हरिद्वार में कोरोना जांच के नाम पर हुए घोटाले के विरोध में यहां ब्लाक कार्यालय प, जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। आरोप लगाया कि इस सरकार का पाटीॅ के नेता और कार्यकर्ताओ को खुश करने के अलावा कोई काम नहीं है।
हल्द्वानी विकास खण्ड कार्यालय के सम्मुख,बेतहाशा महंगाई,महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार,कुम्भ मेले में फ़र्ज़ी करोना टैष्ट घोटाला एवं किसानों के साथ हो रहे अत्याचार के बिरोध में सरकार का पुतला फूंका जायेगा। आप सभी से निवेदन है कि उक्त कार्यक्रम में समय पर पहुँच कर कार्यक्रम को सफल बनायेंगे।
कार्यक्रम में पाटील कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि पड़ोसी देशों में तेल के दाम 70 रुपए प्रति लीटर से कम है। भारत में डीजल और पेट्रोल 100 रुपए लीटर के करीब है। कहा कि महंगाई को खत्म करने का नारा देकर सत्ता में आई भाजपा को आम जनता से कोई मतलब नहीं है। यह पाटील सत्ता पाने के लिए झूठ का सहारा लेती है। हरिद्वार कुम्भ मेले में फ़र्ज़ी करोना टेस्ट का जिक्र करते हुक्म कि जिस पाटीॅ में धर्मनगरी हरिद्वार में कोरोना टेस्ट के नाम पर घोटाला हो सकता है। उनसे ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती। कहा कि इसकी जांच की जाए। इसमें कई हज़ार करोड़ का घोटाला हुआ है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक शैलेश खेडकर ने कहा कि जिस सरकार में महिला उत्पीड़न सत्तारूढ पार्टी के विधायक कर रहे हैं। महिला संतों का शारीरिक शोषण हो ,हा हो, किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा हो, उनसे ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए। महानगर अध्यक्ष राहुल छिम्वाल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विवादास्पद कृषि बिधेयक लाकर किसानों का उत्पीड़न करने का काम किया। ऐसी जन विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेना होगा। कार्यक्रम को कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष संजय बिष्ट, तारा सिंह नेगी, कानू बिष्ट, देवेन्द्र सिंह बिष्ट, श्याम सिंह बिष्ट, भुवन तिवारी, नीरज तिवारी, श्री ओम प्रकाश पाल,देवेन्द्र सिंह राणा, श्रीमती नीमा भट्ट,श्रीमती भागीरथी बिष्ट, श्रीमती जया कर्नाटक, श्रीमती संन्धिया डालाकोटी, जगमोहन कुल्याल, हरभजन सिंह, उमेश बधानी,किशन चन्द्र आर्य,ज्ञानी रबिन्दर सिंह, श्रीमती राधा चौधरी, दयानंद आर्य, बलदेव सिंह, मोहित बिष्ट, संदीप भैंसोड़ा, रतन सिंह,आनन्द दुर्गापाल, भानू पडलिया, नारायण सिंह खनी,संजय साही, गोपू खोलिया, राजू तिवारी
वारी, दीपू तिवारी, त्रिभुवन जोशी, प्रमोद चन्द्र आर्य , डी के भट्ट योगेश महंत, हेमन्त पन्त आदि ने विचार रखे।