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सितारगंज। ऊधमसिंहनगर के सितारगंज जेल से फरार सजायाफ्ता जरनैल सिंह राजस्थान में सतपाल सिंह के नाम की फर्जी आईडी बनाकर मजदूरी कर रहा था। एसटीएफ ने सॉफ्टवेयर में चेहरे का मिलान कर जरनैल सिंह को खोज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उस पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था।
जरनैल सिंह निवासी ग्राम बिचई नानकमत्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर 14 अगस्त 1995 को नानकमत्ता क्षेत्र में मक्खन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मक्खन सिंह के पिता चरण सिंह पुत्र धुमा सिंह निवासी नगला ने नानकमत्ता थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। न्यायालय ने जरनैल सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जरनैल सितारगंज जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। 27 अगस्त 2023 को वह सितारगंज जेल से फरार हो गया था। जेल अधीक्षक ने कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज कराया था। पकड़े नहीं जाने पर पहले 25 हजार और बाद में 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर और सीओ आरबी चमोला के निर्देशन में एसटीएफ की कुमाऊं युनिट ने सितारगंज पुलिस के साथ सात फरवरी की देर रात जरनैल सिंह को राजस्थान के फलोदी जनपद से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ के एसएसपी भुल्लर ने बताया कि एसटीएफ की गठित टीम ने तकनीकी और भौतिक सूचनाओं का विश्लेषण करते हुए अपराधी की पहचान की। उन्होंने इसमें हेड कांस्टेबल मोहित वर्मा, हेड कांस्टेबल किशोर कुमार और सर्विलांस में किशन चन्द्र की विशेष भूमिका की सराहना की। एसएसपी के अनुसार, विश्लेषण से प्राप्त तथ्यों के डिजिटल एवं भौतिक सत्यापन के लिए टीम को पंजाब व राजस्थान भेजा गया। टीम ने एक संदिग्ध व्यक्ति को चिह्नित किया। इसके पास सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी बॉर्डर 24 डबलीराठान, हनुमानगढ़ राजस्थान का आधार कार्ड था। अपराधी के चेहरे के मिलान के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया। पहचान हो जाने के बाद गिरफ्तारी की गई।
एसटीएफ के अनुसार, 27 अगस्त 2023 को जेल से फरार होकर जरनैल सिंह सीधे भागकर पंजाब गया। फाजलक्का में उसका परिवार रहता है। इसके बाद वह वहां से भागकर राजस्थान में जोधपुर के पास देचू थाना क्षेत्र में आ गया। यहां सम्पत नाम के व्यक्ति के घऱ में रहकर उसके साथ मजदूरी करने लगा। उसने सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड बना लिया, लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने चेहरे का मिलान कर उसे खोज लिया।
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