रानीबाग से कैंचीधाम तक जाम से यात्रियों और पर्यटकों निजात दिलाने पर काम करें एनएच के अधिकारी: अजय टम्टा

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हल्द्वानी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को कुमाऊं की सड़कों के हालत सुधारने के निर्देश दिए।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकार की सड़कों से जुड़ी हुई एजेंसियों के साथ एक बड़ी बैठक की। बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री को खुद मौजूद रहना था, लेकिन दिल्ली से पंतनगर आने वाली फ्लाइट अचानक कैंसिल हो गई लिहाजा टम्टा ने वर्चुअल माध्यम से ही सर्किट हाउस हल्द्वानी में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ ही उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग, वन विभाग के साथ ही जिलों के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान विशेष तौर पर कुमाऊं में मौजूद 11 नेशनल हाईवे को लेकर चर्चा हुई। राज्य मंत्री अजय टम्टा का पूरा जोर कैंची धाम का जाम खत्म करने के समाधान पर रहा। उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा कि जब तक बड़े प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतरते तब तक छोटे-छोटे समाधान कर कैंची के जाम की समस्या को खत्म किया जाए। जिससे न सिर्फ पर्यटक राहत महसूस करें बल्कि कैंची के रास्ते रानीखेत अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जाने वाले यात्री भी किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करें। केंद्रीय राज्य मंत्री ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए अधिकारियों से कहा कि उनका फोकस तुरंत समाधान पर होना चाहिए। क्योंकि कुमाऊं में आने वाला पर्यटक हल्द्वानी के रास्ते भीमताल नैनीताल भवाली और कैंची धाम होते हुए ही पहाड़ की तरफ जाता है। हल्द्वानी के करीब रानीबाग से जाम की जो समस्या शुरू हो रही है वह भवाली और कैंची धाम में लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि सबसे पहले उनका ध्यान रानीबाग का जाम खत्म करने पर होना चाहिए, इसके बाद भवाली में बन रहे कैंची धाम बाईपास पर उनका फोकस होना चाहिए। इसके साथ ही भवाली से कैंची के बीच वर्तमान में मौजूद रोड को जहां पर चौड़ा करने की संभावना है वहां पर उसे चौड़ा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैंची के जाम से तुरंत कैसे राहत मिल सके इसका फौरी प्लान तैयार किया जाए।
इस दौरान जिलाधिकारी नैनीताल वंदना ने भी राज्य मंत्री अजय टम्टा के सामने जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्गों की समस्या रखी। विशेष तौर पर रानी बाग गुलाब घाटी में लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए रोड चौड़ीकरण, कलसिया नाले पर स्थाई पुल का निर्माण और भवाली -रातीघाट बाईपास के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अवगत कराया की जनपद की दो महत्वपूर्ण सड़क काठगोदाम से नैनीताल और काशीपुर से रामनगर इनके चौड़ीकरण हेतु क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए जमीन मिल चुकी है। शीघ्र ही इस संबंध में वन विभाग को संस्तुति प्रदान की जाएगी।
बैठक के दौरान राज्य मंत्री अजय टम्टा ने क्वारब पुल के पास हो रहे भूस्खलन की समस्या के समाधान के लिए वहां पर वैकल्पिक मार्ग तैयार करने के लिए जो दो वैली ब्रिज बनने हैं उन्हें बरसात से पूर्व ही बना लेने के निर्देश दिए। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने सड़क परियोजनाओं में हो रही देरी के लिए अपने ही मंत्रालय के अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क बनाने से जुड़े हुए सभी विभाग आपस में सामंजस्य से कार्य करें, ताकि सड़कों के कामों में तेजी आ सके। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक आरके मिश्रा ने कहा कि साल 2023 में जो वन अधिनियम में बदलाव हुए हैं उससे फॉरेस्ट से लैंड ट्रांसफर काफी आसान हो चला है। ऐसे में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का जोर आसानी से विकास योजनाओं के लिए जमीन देने पर है। उनकी कोशिश है कि बेवजह किसी भी विकास कार्य को ना रोका जाए। इसके लिए बकाया उनकी तरफ से सभी प्रभागीय वन अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं।

बैठक के दौरान चंपावत के जिलाधिकारी नवनीत पांडे की तरफ से बनबसा में पिछले साल बरसात के दौरान जो जल भराव हुआ था उसकी समस्या को भी रखा गया। जिलाधिकारी ने कहा कि ड्राईपोर्ट के लिए जो सड़क बनाई जा रही है उसके निर्माण के कारण पानी की निकासी बाधित हो चुकी है। जिससे पिछले साल बनबसा क्षेत्र में जल भराव हुआ था। उन्होंने सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों से इसके शीघ्र समाधान की मांग की।
इस दौरान उत्तराखंड शासन में पीडब्ल्यूडी और वन विभाग के अपर सचिव विनीत कुमार ने अवगत कराया कि कलसिया नाले पर मोटर पुल के निर्माण की शीघ्र कार्रवाई के साथ ही रानी बाग, गुलाबघाटी और कैंची में जो जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है उसके तत्काल समाधान हेतु तत्काल प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इस दौरान सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के उप महानिदेशक सुदीप चौधरी ने कुमाऊं मंडल के अंतर्गत राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 109 ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग तक 205 किमी० लम्बाई में के चौड़ीकरण का कार्य अगले 2 वर्षों में स्वीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।

ज्योलीकोट से खैरना एवं क्वारब से नाईकौला के चौड़ीकरण का कार्य लगभग रू0. 1124 करोड़ की लागत से इसी वर्ष स्वीकृत कर दिया जायेगा, भवाली तथा अल्मोड़ा के बाईपास का निर्माण कार्य इस कार्य के साथ इसी वर्ष स्वीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।

नाईखोला से सिमली तक 141 किमी0 चौड़ीकरण के कार्य के लिये भूमि अध्याप्ति तथा वन भूमि हस्तांतरण के कार्य प्राथमिकता के आधार पर इसी वर्ष पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

नाईखोला से सिमली तक निर्माण कार्य की स्वीकृति लगभग रू० 2855 करोड़ की लागत से (भूमि अध्याप्ति तथा वन भूमि हस्तांतरण के उपरान्त) 2026-27 स्वीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि उक्त चौड़ीकरण कार्य में कैंचीधाम, पांडुखाल व कर्णप्रयाग के बाईपास में सुरंग कार्य भी किया जायेगा उसके अलावा गैरसैंण, आदिबद्री को भी बाईपास किया जायेगा।

बैठक में सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के एडीजी डीके शर्मा, विशाल गुप्ता, बीआरओ के मुख्य अभियंता, अल्मोड़ा के डीएम आलोक पांडे, कुमाऊं के वन संरक्षक टीआर बीजूलाल, डीएफओ चंद्रशेखर जोशी, अपार आयुक्त कुमाऊं मंडल जेएस नगन्याल समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे।

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