हरिद्वार। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच घोटाले के आरोपी की रिमांड के बाद एसआईटी ने हरियाणा में लैपटॉप और रजिस्टर बरामद किया है। रविवार शाम को पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है। पुलिस को आरोपी का तीन दिन का रिमांड मिला था। लैपटॉप और रजिस्टर से पुलिस के हाथ कई और अहम सुराग लग सकते हैं। लैपटॉप और रजिस्टर में पुलिस को फर्जी एंट्रियां मिली हैं।
बीते गुरुवार को पुलिस ने कोरोना जांच घोटाले में डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि आशीष ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस के कहने पर नलवा लैब से समझौता किया। घोटाले की रूपरेखा तैयार की। अपने कई साथियों के साथ मिलकर आरोपी ने कोरोना की फर्जी जांच दिखाकर पोर्टल पर एंट्रियां कराई। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी का कोर्ट से पुलिस कस्टडी रिमांड लिया। पुलिस आरोपी को लेकर पहले भिवानी डेलफिया लैब पहुंची। यहां से पुलिस ने एक लैपटॉप और रजिस्टर बरामद किया। इसके बाद आरोपी को लेकर पुलिस नलवा लैब हिसार पहुंची। जहां पुलिस आरोपी आशीष वशिष्ठ और नलवा लैब के संचालक नवतेज नलवा को आमने सामने कराना था। बताया जा रहा है कि डॉ. नवतेज लैब पर नहीं मिले। जानकारी ली गई तो बताया गया है कि वह चडीगढ़ गए हुए हैं। इसके बाद पुलिस आरोपी को लेकर हरिद्वार वापस आ गई। माना जा रहा है पुलिस को जो लैपटॉप और रजिस्टर मिला है उसमें सभी एंट्रियां हैं। जो फर्जी तरीके से पोर्टल पर चढ़ाई है।