काबुल। अफगानिस्तान में एक के बाद एक कई अहम शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने के बाद तालिबान का अब अगला मिशन काबुल है। काबुल फतह करने से पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए गए कामों की तारीफ की है। साथ ही सैन्य मोर्चे पर अन्य देशों का उदाहरण देकर धमकाया भी है। तालिबान ने अफगानिस्तान में भारत के मानवीय और विकासात्मक प्रयासों जैसे सलमा बांध, सड़कों और देश में अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सराहना की है, मगर तालिबान ने भारत से अफगानिस्तान में सैन्य भूमिका निभाने से परहेज करने को कहा है। तालिबान ने कहा कि अगर भारत अपनी सेना भेजता है तो यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए तालिबान के कतर स्थित प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अगर भारत अफगानिस्तान में सेना भेजता है तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। भारत ने अफगानिस्तान में अन्य देशों के सैन्य उपस्थिति का हश्र देखा है। इसलिए यह उनके लिए एक खुली किताब है। बता दें कि भारत क्षमता निर्माण में अफगानिस्तान की सहायता करता रहा है, चाहे वह संसद हो, स्कूल हों, सड़कें हों या बांध हों। भारत ने अफगानिस्तान को दो अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी है।