काबुल। तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। माना जाता है कि इस शहर पर कब्जा करने वाले के लिए अफगानिस्तान की सत्ता हासिल करना आसान हो जाता है। उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने कहा कि तालिबान ने शनिवार तड़के शहर पर कई दिशाओं से हमला किया। उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी।
वहीं हेरात, कंधार, हेलमंद के बाद अब तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के दक्षिण में स्थित लोगार प्रांत पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान के एक सांसद होमा अहमदी ने कहा कि तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जिसमें उसकी राजधानी भी शामिल है और वह शनिवार को पड़ोसी काबुल प्रांत के एक जिले में पहुंच गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अब सिर्फ 11 किलोमीटर दूर रह गए हैं। पिछले कुछ दिनों में ही इन लड़ाकों ने अफगानिस्तान के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों पर कब्जा जमा लिया है। अब उनके निशाने पर राजधानी काबुल ही है।
इस बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पहली बार मीडिया से बात की। टोलो न्यूज के मुताबिक उन्होंने कहा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके अध्यक्ष के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है। मैं हत्याओं के जरिए अफगानों पर युद्ध थोपने, पिछले 20 वर्षों की उपलब्धियों के नुकसान और सार्वजनिक संपत्ति के विनाश की अनुमति नहीं दूंगा। मौजूदा स्थिति में अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
काबुल के दक्षिण में स्थित लोगर प्रांत में कब्जा जमाने के बाद अब तालिबान की नजर काबुल पर होगी। यह शहर काबुल से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। हालांकि, काबुल अभी सीधे तौर पर खतरे में नहीं है, लेकिन अन्य जगहों पर नुकसान और लड़ाइयों ने तालिबान की पकड़ को और मजबूत कर दिया है। नवीनतम अमेरिकी सैन्य खुफिया आकलन से पता चलता है कि काबुल 30 दिनों के भीतर विद्रोहियों के दबाव में आ सकता है और अगर मौजूदा रुख जारी रहा तो तालिबान कुछ महीनों के भीतर देश पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर
इस बीच, काबुल में अमेरिकी दूतावास अपने गुप्त दस्तावेजों को नष्ट करने और अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दूतावास ने अपने कर्मचारियों से अमेरिकी ध्वज या उन वस्तुओं के निपटान के लिए कहा है, जिनका उपयोग प्रोपोगैंडा के लिए किया जा सकता है।