उत्तराखंड में शुरू हुई मोबाइल ई-कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने रवाना किए सचल वाहन

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नैनीताल। अदालतों में लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण और दूरस्थ क्षेत्रों में जनता को उनके द्वार तक जाकर न्याय देने के लिए मोबाइल ई कोर्ट की शुरुआत हो गई है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान में मोबाइल कोर्ट के सचल वाहन को हरी झंडी दिखाकर योजना का शुभारंभ किया। पहले चरण में राज्य के पांच जिलों चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल जिले के लिए योजना की शुरुआत की जा रही है। इसके साथ ही उत्तर भारत में मोबाइल की कोर्ट की शुरुआत करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है।
रविवार को हाई कोर्ट परिसर में मोबाइल ई-कोर्ट उद्धघाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान ई-कोर्ट से संबंधित दो मिनट की डॉक्टोमेंट्री दिखाई गई। जिसमें बताया गया कि किस तरह से दूरस्थ क्षेत्रों में बैठे वादी इसका लाभ ले सकेंगे। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने मोबाइल ई कोर्ट के पांच सचल वाहनो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सचल न्यायालय इकाईयों के व्यापक प्रयोग से वादकारियों अथवा वाद से संबंधित व्यक्ति विशेषतः संवेदनशील अपराधों से पीड़ित अथवा जो अत्याधिक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। उनकी दुर्गमताओं और कष्टों को कम किया जा सकेगा।
इस योजना के लिए प्रारंभिक चरणों में पीड़ित अथवा साक्षी का साक्ष्य सचल न्यायालय इकाई के माध्यम से लिया जा सकेगा। विशेषकर बालक, बालिका, महिला, चिकित्सक अथवा अन्वेषण अधिकारी इसका लाभ ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल के लिए एक-एक सचल वाहन रवाना किया जा रहा हैं।
यह प्राथमिकता रहेगी कि सभी जिलों में जल्द दो- दो वाहन संचालित किए जा सके। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, रजिस्ट्रार जरनल धनंजय चतुर्वेदी, कंप्यूटर रजिस्ट्रार अम्बिका पन्त, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, बार एसोसिएशन अध्यक्ष अवतार सिंह रावत समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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