रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिर दोहराया कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन एक सुधारत्मक कदम है। उन्होंने कहा कि आज जो इसका विरोध कर रहे हैं, दस साल बाद वे ही इस फैसले की तारीफ करेंगे।
सोमवार को केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मंदिर तक भी नहीं पहुंच पाए। केदारनाथ में करीब पांच घंटे बिताने के बाद वह वहां से लौट गए। यहां से सीधे त्रिजुगीनारायण पहुंचे और परिसर में ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बोर्ड के गठन के फैसले को उचित ठहराया। कहा कि आज भले ही कुछ लोग जानबूझकर इसका विरोध कर रहे हों, लेकिन बाद में उन्हें इसका महत्व समझ आएगा।
उनका कहना है कि सरकार का काम अपने अतिथियों को सुविधाएं देना होता है। अतिथि देवो भव: को सर्वोपरि मानते हुए ही देवस्थानम बोर्ड की नींव रखी गई। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि त्रिजुगीनारायण मंदिर के देवस्थानम बोर्ड के तहत आने से न केवल मंदिर की व्यवस्था दुरुस्त होगी, बल्कि यात्रियों के साथ ही स्थानीय निवासियों को भी लाभ मिलेगा।






