*आतंकी फंडिंग के मामले में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा*

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दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने आतंकी फंडिंग के मामले में दोषी करार जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद, 10 लाख रुपए जुर्माना और 10 मामलों में दस साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने पाए, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर घाटी में पैनी नजर बनाए हुए हैं। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन को 19 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया था। यासीन मलिक के केस की सुनवाई के चलते पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी। इस फैसले के बाद दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा सख्त कर दी गई है। एजेंसियों ने आशंका जताई है कि आतंकवादी हमला कर सकते हैं।
अलगाववादी नेता यासीन मलिक को यूएपीए(गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) की धारा-13 के तहत पांच साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना, यूएपीए की धारा-17 के तहत उम्रकैद और दस लाख रुपये जुर्माना,यूएपीए की धारा-15 के तहत दस साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना,यूएपीए की धारा-18 के तहत दस साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना,यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत पांच साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना,यूएपीए की धारा 20 के तहत दस साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माना,भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत दस साल की सजा, दस हजार रुपये जुर्माना,भारतीय दंड संहिता की धारा 121-ए के तहत दस साल की सजा दस हजार रुपये जुर्माना,
भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत उम्रकैद, दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है।

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