*नकली दवा का कारोबार: दस गोली का पत्ता, एमआरपी 250 और बेच रहे हैं 100 रुपए में*

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देहरादून। एसटीएफ की रेड में हरिद्वार और सहारनपुर जिले में पकड़ा गया नकली दवा बनाने का धंधा लंबे समय से चल रहा था। आरोपी बिना किसी मानक के दवाएं तैयार कर रहे थे, जो लोगों का स्वास्थ्य ठीक करने के बजाय घातक साबित हो सकती हैं। आरोपी देश के कई राज्यों में अपनी दवाएं भेज रहे थे।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि सहारनपुर और हरिद्वार जिले में पकड़ी गईं इन फैक्ट्रियों में रह रोज करीब दस-दस हजार एंटी बायोटिक और अन्य गोलियां तैयार की जा रही थीं। उन्होंने बताया कि ब्रांडेड कंपनी के जैसी ही पैकिंग कर आरोपी उस पर रेट भी उसके जैसा दर्ज कर रहे थे। वह 250 रुपये कीमत वाले दस गोलियों के पत्ते को 100 रुपये में देते हैं।
 आरोपियों के गैंग के सभी लोगों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ गिरफ्तार आरोपियों की बैंक खातों की कुंडली खंगालेगी। उससे पता लगाया जाएगा कि आरोपियों का लेनदेन किन-किन लोगों से होता था। एसटीएफ इन आरोपियों पर भी शिकंजा कसेगी।
वहीं, दवा सप्लाई से जुड़े कोरियर कारोबारियों और पैकिंग का सामान बनाने वाले प्रिंट कारोबारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। एसएसपी ने बताया कि दवाओं के लिए रैपर भगवानपुर के ग्राम सिसौना स्थित कंपनी में तैयार किए जाते हैं। वहां एआर इंटरप्राइजेज के नाम से प्रिटिंग प्रेस है। यहां पर पेपर बॉक्स और नामी कंपनियों के रैपर छापे जाते हैं। एसटीएफ प्रिंटिंग प्रेस संचालक की भूमिका की जांच कर रही है।

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