हरिद्वार, दिल्ली निवासी अरुण कुमार अपने परिवाजन के साथ ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर स्नान और गंगा पूजन करने के लिए आये थे। त्रिवेणी घाट के बाजार में घूमते समय उनका मोबाइल कहीं गिर गया और काफी ढूंढने पर भी मोबाइल कहीं नही मिला। उनके द्वारा कुम्भ मेला सेक्टर ऋषिकेश में नियुक्त और त्रिवेणी घाट पर ड्यूटीरत महिला आरक्षी मीनू को अपने मोबाइल के गुम होने के बात बताई गई।
महिला आरक्षी मीनू के द्वारा मोबाइल के स्वामी अरुण कुमार से पूछा गया कि वे कहां-कहाँ गए थे। अरुण कुमार से उनके आने-जाने की सभी जगहों की जानकारी लेकर मीनू के द्वारा त्रिवेणी घाट, घाट बाजार और आस्था पथ पर मोबाइल को ढूंढने की कार्यवाही शुरू कर दी गई।
त्रिवेणी घाट के कच्चे घाट पर ढूंढते-ढूंढते मीनू को एक मोबाइल जैसी चीज रेत में दबी हुई दिखाई दी। देखने पर वो एक मोबाइल निकला जो अरुण कुमार के मोबाइल के हुलिए से मेल खा रहा था। मीनू के द्वारा अरुण कुमार को बुला कर मिला हुआ मोबाइल दिखाया गया तो उन्होंने देखते ही अपना मोबाइल पहचान लिया। अरुण कुमार अपने मोबाइल के मिलने की उम्मीद पूरी तरह से खो बैठे थे, लेकिन जैसे ही उन्हें अपना खोया हुआ मोबाइल मिला तो अरुण और उसके परिवाजनों की खुशी का ठिकाना नही रहा।
अरुण कुमार और उसके परिजन महिला आरक्षी मीनू को धन्यवाद देते नही थक रहे थे। आस पास के लोग भी मीनू की कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की तारीफ कर रहे थे। मीनू के इस कार्य की कुम्भ मेला पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा भी भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।