
हरिद्वार। अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता पूर्व राज्यमंत्री डॉ. विनोद आर्य पर कुकर्म के प्रयास का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने बुधवार को डॉ. आर्य से चार घंटे पूछताछ की। जबकि डॉ. आर्य करीब 19 घंटे पुलिस की हिरासत में रहे। वहीं, आरोप लगाने वाले पीड़ित के कोर्ट में धारा 164 के बयान दर्ज कराए गए। पुलिस को देर रात तक कोर्ट में दिए बयानों की प्रमाणित कॉपी नहीं मिल सकी। जिसके चलते डा. विनोद आर्य को परिजनों के सुपुर्द करना पड़ा। बयान की कॉपी मिलने पर बृहस्पतिवार को डा. विनोद आर्य की गिरफ्तारी हो सकती है।
मंगलवार को सहारनपुर के छुटमलपुर निवासी एक युवक ने डॉ. विनोद आर्य के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। डाक के माध्यम से पुलिस को भेजी गई शिकायत में बताया गया था कि एक माह पहले उसने 10 हजार रुपये महीना विनोद आर्य के यहां नौकरी की शुरुआत की। आरोप था कि विनोद उसे कमरे में बुलाकर मालिश करवाते हुए अश्लील हरकतें करने लगा। कुछ दिन पहले जबरन कुकर्म करने का प्रयास किया। गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट की। जिसके बाद वह अपने गांव चला गया।
आरोप है कि घर से बाजार सामान लेने जाने के दौरान उसकी बाइक को टक्कर मार दी गई। जिससे उसके हाथ और सिर में चोटें आई। इसमें भी पीड़ित ने डा. आर्य का हाथ होने की आशंका जताई है। बुधवार को पुलिस ने युवक को धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में पेश किया। वहीं, पुलिस ने विनोद आर्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कई घंटे पूछताछ चली। पुलिस को कोर्ट से बयान की प्रमाणित कॉपी नहीं मिली। जिसके बाद हिरासत में लिए हुए कई घंटे बीतने पर नियम के अनुसार विनोद को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। बृहस्पतिवार को बयान की कॉपी मिलने के बाद विनोद आर्य की गिरफ्तारी भी की जा सकती है। इसकी पुष्टि ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने की है।





