मशहूर चित्रकार ने केनवास में उकेरी खाकी की संवेदना, संजय गुंज्याल आईजी कुम्भ को की भेंट
हरिशंकर सैनी
हरिद्वार ,तश्वीरें बोलती है अपनी सम्वेदनाओं को व्यक्त करने के लिए पेंटिंग एक उपयुक्त साधन है यदि केनवास में उकेरा चित्र सकारात्मक हो तो इसे सौभाग्य और ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है, वास्तव में सिर्फ एक चित्रकार ही बता सकता है कि उसकी कूची के रंग क्या कहते है आज ऐसी ही केनवास पर उकेरी रंगों की कहानी व्यक्त की चित्रकार जाकिर हुसैन ने।
जाकिर हुसैन ने खाकी पर बनाई एक तश्वीर पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ श्री सजंय गुंज्याल को भेंट की, खाकी का बेहतरीन चित्रण करता यह केनवास कई मायनों में खास है खाकी के मध्य में आईपीएस ऑफिसर का तिरंगे रगों से रँगा चेहरा जहां ऊर्जा और आत्मविश्वास को दर्शित कर रहा है वही दोनों छोरों में महिला और पुरुष पुलिस कर्मी को उदास ओर मुस्कुराते दिखाया गया है दिखाया गया है उदास चेहरा पुलिस की परिवार से दूरी ओर स्मृति को व्यक्त करता है तो मुस्कुराता चेहरा कर्तव्य पथ पर अडिग सेवा को तत्परता की इंकित करता है सभी धर्मों से समानता , आधुनिक पुलिस, यातायात व्यवस्था के चित्रण इस छोटे से केनवास में है
संविधान की श्रेष्ठता ओर कानून के रक्षक , ओर खूबसूरत उत्तराखंड के भाव लिए यह केनवास स्वयं में खाकी की कहानी है
*ये तश्वीर गूंगी है मगर*
*दास्ता-ए-बयाँ खाकी करती है*
बातचीत के दौरान जाकिर ने कहा कि पूर्व में उनकी एक तशवीर एक लाख पिचहत्तर हजार में भी विक्रय हुई , वही अनेक राजनेताओं के आवास में भी उनकी पेंटिंग लगी है इस केनवास को महंगे रंगों से तैयार किया है चित्रकार जाकिर हुसैन का कहना है कि यह रंग 150 साल से भी अधिक समय तक भी ऐसा ही बना रहेगा, इसे पानी से भी धोया जा सकता है श्री सजंय गुंज्याल द्वारा चित्रकार हुसेन की प्रशंसा ओर सराहना की।