हल्द्वानी। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष नवीन चंद्र वमाॅ ने कहा है कि उत्तराखंड की 70 प्रतिशत आबादी पयॅटन व्यवस्था पर टिकी है। कोरोना काल में यदि पर्यटकों को उत्तराखंड आने से रोका गया तो यहां लोगों के सामने रोटी-रोजी का संकट पैदा हो जाएगा। प्रदेश सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।
संगठन की प्रदेश कार्यकारिणी की वेबनार बैठक में प्रदेश सरकार से पर्यटन व्यवसायाइओ को कोरोना के कारण आ रहे निरंतर गिरावट के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है, कि वह पर्यटन को कोरोना के दुष्परिणाम से बचाएं और पर्यटकों को उत्तराखंड आने से रोके नहीं बल्कि पर्याप्त चिकित्सा सेवाओं को और दुरुस्त करें। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नवीन चंद्र वर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि हमारे प्रदेश का लगभग 70 प्रतिशत व्यापार पर्यटन पर निर्भर करता है। हमें उत्तराखंड में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को डराने के बजाय उन्हें उपयुक्त चिकित्सा सेवाएं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को अन्य हिमालय राज्यों में भी आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं की गई है। उत्तराखंड राज्य पड़ोसी राज्य हिमाचल से अलग नहीं है, और उसी की तर्ज में पर्यटकों की आवाजाही बेरोकटोक जारी रखने के लिए हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमारे प्रदेश के होटल रेस्टोरेंट ढाबे वाले टैक्सी और ट्रांसपोर्ट व्यवसाई प्रदेश के पर्यटन को लेकर बहुत चिंतित हैं। पिछले 1 वर्ष से पर्यटन व्यवसाय समाप्त प्राय हो चुका है। होटल वालों के ऋणों की किस्त देनी कठिन हो रही है। सरकार द्वारा व्यवसायियों को बिजली-पानी के बिलों में भी कोई छूट या राहत नहीं दी गई। सरकार को पर्यटन व्यवसायियों के बारे में सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। प्रदेश संगठन के महामंत्री प्रकाश मिश्रा ने कहा है कि हम एक शिष्टमंडल बनाकर नवरात्रि के बाद मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे। जिनमें सभी विषयों पर विस्तार से वार्ता की जाएगी प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अरोड़ा, कोषाध्यक्ष एससी तिवारी, संयुक्त महामंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्य चुनाव अधिकारी प्रमोद गोयल ने भी पर्यटन व्यवसाय को बचाने की गुहार प्रदेश सरकार से लगाई है।