दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे के गोद देने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर हाईकोर्ट गंभीर, मुख्यमंत्री को भेजी कापी

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नैनीताल। उत्तरकाशी में एक दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे को गोद देने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर नैनीताल हाईकोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं, उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक समेत सरकारी अधिवक्ता की कार्यशैली पर भी कोर्ट ने सख्त टिप्पणि की हैं, इस मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट की तरफ से आदेश की एक कॉपी विधिक सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजने के आदेश और इस मामले पर कार्यवाही करने को कहा गया है। मामला उत्तरकाशी का है जहां पर एक नाबालिक के साथ शादी का झांसा देकर एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया और पीड़िता गर्भवती हो गई, शिकायत के बाद उस व्यक्ति पर नाबालिग से दुष्कर्म का मामला कोर्ट में चला। निचली अदालत ने उसे सजा सुना दी, जिसके बाद आरोपी ने नाबालिग से शादी कर ली लेकिन इस बीच नाबालिक ने एक बच्चे को जन्म दिया उस बच्चे को बाल कल्याण समिति ने किसी और को गोद दे दिया, लेकिन शादी के बाद पीड़िता ने अपने बच्चे को वापस उसे सौंपने की गुहार लगाई, इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि जिस तरह से बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया अपनाई गई है वह संतोषजनक नहीं है, अब इसमें आदेश की एक कॉपी मुख्यमंत्री को भेजी गई है और उचित कार्यवाही करने के आदेश कोर्ट द्वारा दिए गए हैं

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