पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले के विकास खंड मुनस्यारी के प्रस्तावित दस गांवों में वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने तथा तीन गांवों को चयनित किए जाने की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने आज क्षेत्रीय सांसद तथा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से मुलाकात की। सांसद को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में तत्काल प्रभाव से क़दम उठाने के लिए भारत सरकार से बात करने का अनुरोध भी किया।
चीन सीमा क्षेत्र से लगे विकास खंड मुनस्यारी के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज दौरे पर आए क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा से मुलाकात कर उन्हें वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम से संबंधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा को विकास खंड धारचूला के चीन सीमा पर बसे गुंजी गांव में वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने पर उनका आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के द्वारा मांगे गए प्रस्ताव के बाद जिला प्रशासन तथा ग्राम्य विकास विभाग पिथौरागढ़ ने विकास खंड मुनस्यारी के चीन सीमा से लगे मिलम, बिल्जू, गनघर , पाछू, रिलकोट, टोला , बुर्फू, मर्तोली, टोला, लास्पा दस गांवों में वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि चीन सीमा पर बसे तीन गांव रालम,खिलांच,ल्वां को छोड़ दिया गया है।
उन्होंने क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा से दस गांवों में वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम शीघ्र शुरू करने तथा तीन गांवों को चयनित किए जाने पर भारत सरकार में पैरवी किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बीएडीपी योजना से भी इन गांवों में ना आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई ना ही स्वरोजगार के अवसर ही पैदा किए गए। उन्होंने आरोप लगाया है तत्कालीन निर्वाचित प्रतिनिधियों तथा नौकरशाही ने बीएडीपी योजना का बंदरबांट तथा अदूरदर्शिता से खर्च कर इस चीन सीमा क्षेत्र की उपेक्षा की।
क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा ने आश्वासन दिया कि वे भारत सरकार में दोनों मांगों की ज़ोरदार पैरवी करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सीमा क्षेत्र के लोगों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।