केदारनाथ धाम यात्रा के लिए फर्जी हेली टिकट बेचने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

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देहरादून। केदारनाथ धाम में हेली यात्रा के लिए लोगों को फर्जी टिकट भेजकर ठगने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को एसटीएफ ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पवन हंस का नाम इस्तेमाल करते हुए फर्जी वेबसाइट बनाई थी। वह लोगों से कंपनी का अधिकारी बनकर बात करता था। आरोपी के पास से एक पीओएस मशीन भी बरामद हुई है। गिरोह के दो सदस्यों को पहले ही पकड़ा जा चुका है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया, चारधाम यात्रा शुरू होते ही इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि इस बार भी हेली सेवा के नाम पर साइबर ठग बड़ा जाल बुन सकते हैं। इसी कड़ी में एसटीएफ ने पहले ही एहतियातन कदम उठाते हुए अब तक 41 फर्जी वेबसाइटों को बंद कराया है। लेकिन, फिर भी लोग ठगों के जाल में फंस गए। इस पर पिछले दिनों एसटीएफ के एसआई आशीष गुसाईं ने एक मुकदमा साइबर थाने में दर्ज कराया था। इसके अलावा बीते दिनों सामने आई धोखाधड़ी की शिकायतों की भी जांच की गई।
कई पीड़ितों ने एसटीएफ को और भी शिकायतें कीं। फर्जी वेबसाइट और ठगों के मोबाइल व बैंक खातों के विश्लेषण में गृह मंत्रालय की टीम ने भी मदद की। पिछले दिनों इस गिरोह के सन्नी और बॉबी रविदास निवासी शेखपुरा बिहार को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन, मास्टरमाइंड एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। पता चला कि वह अब भी पवनहंस ट्रैवल डॉट इन नाम की वेबसाइट का प्रयोग कर लोगों से ठगी कर रहा है। अप्रैल में अहमदाबाद के अशोक प्रजापति को इस वेबसाइट के माध्यम से 33 हजार रुपये का चूना लगाया था।
आरोपी के मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच की गई तो यह नवादा बिहार में होने की बात सामने आई। एसटीएफ ने 10 दिनों तक इस इलाके में जांच की और आरोपी नीरज कुमार निवासी पोक्सी, केसोरी, नवादा, बिहार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पीओएस मशीन, मोबाइल नंबर, चेक बुक आदि बरामद हुए। उसने पवन हंस के नाम का इस्तेमाल कर चार वेबसाइटें बनाई थीं। इनको बंद कराया गया है।
यह गिरोह फर्जी आईडी पर सिम खरीदता है। इन मोबाइल नंबरों को फर्जी वेबसाइट पर लिखा जाता है। लोग इन पर फोन करते हैं तो ये ठग खुद को कंपनी का अधिकारी और कर्मचारी बताते हैं। इसके बाद उनसे टिकट के नाम पर खाते में पैसे जमा कराए जाते हैं और फिर उन्हें फर्जी हेली टिकट भेज दिए जाते हैं।
आरोपी ने फिनो पेमेंट बैंक की पीओएस मशीन का इस्तेमाल किया था। उसने फिनो मित्रा एप इंस्टाल किया था। इसके बाद किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड को पीओएस मशीन से स्वाइप कर लेता है। पैसा तुरंत फिनो पेमेंट बैंक के खाते में ट्रांसफर हो जाता है। इसके बाद आरोपी अपने खातों से एटीएम के माध्यम से पैसे निकाल लेते हैं। इस आरोपी के खिलाफ देश के कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं।

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