देहरादून। एक आश्रम का बिजली बिल घटाने के एवज में एक लाख की घूस लेने के मामले में विजिलेंस कोर्ट ने ऊर्जा निगम के एकाउंटेंट को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश अंजलि नौलियाल ने दोषी पर एक लाख का अर्थदंड भी लगाया। साथ ही, अर्थदंड न देने पर तीन महीने अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल के अनुसार, हरिद्वार के श्रीरावतपुरा सरकार लोक कल्याण आश्रम हरकी पैड़ी के प्रबंधक संजीव दीक्षित ने छह फरवरी 2010 को प्रार्थना पत्र दिया था। इसके मुताबिक, विद्युत व्यापार केंद्र भूपतवाला में बतौर एकाउंटेंट तैनात महेंद्र कुमार भार्गव निवासी आंबेडकरनगर मोहल्ला कड़च ज्वालापुर हरिद्वार उनके आश्रम के बिजली बिल की धनराशि को घटाने की एवज में एक लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था। इस शिकायत पर विजिलेंस टीम गठित की गई, जिसने आठ फरवरी को महेंद्र को हरिद्वार से रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। विजिलेंस कार्यालय में मुकदमे के बाद भान सिंह सुमेर ने जांच की। उन्होंने सात अप्रैल 2010 को कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। कोर्ट में अभियोजन अधिकारी अनुज साहनी हाल में पैरवी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार के अधीन कार्यरत लोक सेवक रिश्वत मांगता है तो बिना किसी भय के हेल्पलाइन नंबर-1064 पर लोग शिकायत कर सकते हैं।