मदरसा परिषद पर लगा फजीॅ डिग्री बांटने का आरोप

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सितारगंज। सितारगंज जनहित कल्याण समिति अध्यक्ष मौलाना सलीम रिज़वी ने शादाब शम्स प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति उत्तराखंड के उपाध्यक्ष शादाब शम्स से मदरसा शिक्षा परिषद की जांच की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि परिषद मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल के समकक्ष), आलिम (इंटर), कामिल (बीए) तथा फाजिल (एमए) की परीक्षा कराता है।
मौलवी व आलिम के सर्टिफिकेट की अस्थाई , मान्यता है लेकिन कामिल और फाजिल की डिग्री को स्नातक और परास्नातक के समकक्ष मान्यता नहीं है। इसको धार्मिक डिग्री बताकर टहलाने का काम किया गया है। प्रतिवर्ष कई हज़ार छात्रों को बोर्ड द्वारा कामिल व फाजिल की डिग्री दी जा रही है। मदरसा बोर्ड अधिकतम इंटर स्तर तक की परीक्षा आयोजित करा सकता है, लेकिन बोर्ड नियमों की अनदेखी कर कामिल एवं फाजिल की फ़र्ज़ी डिग्री दे रहा है।
इस डिग्री पर देश के किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में एडमिशन एवं नौकरी नहीं मिलती।जो के छात्रों के हक हुकूक का हनन है।15 सूत्रीय मंत्री शदाब शम्स द्वारा मदरसा अरबी फारसी बोर्ड की बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त, और फाजिल बीए और कामिल को एमए स्थाई दर्जा और अस्थाई डिग्रियों को स्थाई दर्जा दिलाने का विश्वास दिलाया गया है।। शादाब शम्स से मिलने वालों में शकील अहमद हसमत अली बबलू अरबाज आदि लोग शामिल थे।

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