खुद को डीएम बताकर एसडीएम बनाने का झांसा देकर युवती को लगा दी 70 लाख की चपत

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हरिद्वार। खुद को कभी जिलाधिकारी तो कभी समीक्षा अधिकारी बताकर एक नटवर लाल ने पड़ोस में रहने वाली युवती के परिवार को 70 लाख रुपये की चपत लगा दी। मामला खन्नानगर कॉलोनी का है। आरोपित ने युवती को पहले लोक निर्माण विभाग में निरीक्षण अधिकारी और फिर एसडीएम बनवाने का झांसा देकर मकान और नकदी हड़प ली। चार दिन पहले ही आरोपित के पिता ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक, चेतना अरोड़ा निवासी गली नंबर दो खन्नानगर ने तहरीर देकर बताया कि बीएससी पास करने के बाद से उसे नौकरी की तलाश थी। कुछ दिन पहले पड़ोस में रहने वाले निहार कर्णवाल से उसकी मुलाकात हुई। उसकी गाड़ी पर उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई थी। निहार ने खुद को जिलाधिकारी बताया और कहा कि वह लोक निर्माण विभाग में में निरीक्षण अधिकारी के पद पर उसकी नौकरी लगवा देगा।

इसकी एवज में 65 लाख रुपये की डिमांड की। शुरू में डेढ़ लाख की करम उसकी मां नीलम अरोड़ा ने उसे दे दी। बाद में निहार ने कहा कि पद भर चुके हैं, इसलिए वह एसडीएम पद पर नौकरी दिला देगा। इसके लिए उसने 70 लाख रुपये मांगे। इतनी रकम न होने पर उसने मकान बिकवाकर पैसे देने के लिए कहा।
आरोप है कि 30 अगस्त को लिखा-पढ़ी कराते हुए मकान बिकवा दिया और बैंक के दो चेक उसके भाई को दिए। बाद में पता चला कि दोनों चेक फर्जी हैं। आरोप है कि षड़यंत्र कर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर निहार कर्णवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर पैसे और मकान हड़प लिया।

रकम मांगने पर हत्या की धमकी दी। वहीं, पुलिस को पता चला कि आरोपित ने खुद को सचिवालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारी बताकर एक नामचीन ज्वैलर्स कारोबारी के अलावा कई अन्य लोगों को मोटी चपत लगाई हुई है। तीन दिन पहले उसके पिता ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाकर जान दे दी थी।

ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुख्य आरोपित निहार कर्णवाल व उसके साथी मैमकिला, निशांत कुमार गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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