पेंशनधारियों को देना होगा पुनर्विवाह न करने का प्रमाण, जीवित प्रमाणपत्र देने के लिए कोषागार जाने की जरूरत नहीं

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देहरादूनl। उत्तराखंड के पेंशनरों को जीवन प्रमाणपत्र जमा कराने के लिए कोषागारों के चक्कर नहीं काटने होंगे। केवल एक बार कोषागार में अपने दस्तावेजों के साथ हाजिर होना होगा। उसके बाद वो ऑनलाइन ही अपने जीवित रहने के प्रमाणपत्र जमा करा सकते हैं। इसके साथ ही पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशन को भी पुनर्विवाह न करने का प्रमाणपत्र कोषागार में जमा करना होगा। नए आदेश में सरकार ने इस प्रावधान को सख्ती से लागू किया है।
गुरुवार को वित्त विभाग ने जीवन प्रमाण जमा कराने की नई प्रक्रिया को लागू कर दिया। अपर मुख्य सचिव-वित्त आनंद बर्द्धन ने इसके आदेश किए। यदि किसी कारण से जीवन प्रमाण पत्र को निरस्त किया जाता है तो पेंशनर को तत्काल ही उसकी सूचना एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी।

यूं होगी प्रक्रिया डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र को जेनरेट करने के लिए पेंशन मास्टर में पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के आधार संख्या अपडेट होना जरूरी है। आधार संख्या अपडेट करने के लिए उन्हें अपने पेंशन के दस्तावेजों के साथ केवल एक बार अपने कोषागार आना होगा। जीवन प्रमाणपत्र ऐप का प्रयोग करते हुए पेंशनर को अपने चेहरे को मोबाइल फोन की मदद से स्कैन करते हुए आपरेटर के रूप में खुद को रजिस्टर्ड करना होगा।
अब www.jeevanpraman.gov.in में रजिस्टर्ड पेंशनर भविष्य में जीवन प्रमाणपत्र स्मार्ट फोन, टेबलेट, कंप्यूटर पर फिंगरप्रिंट स्कैनर, आधार फेस आरडी एप का प्रयोग करते हुए घन से डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र दे सकेंगे।

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