दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी अंतरसदनीय वाद-विवाद प्रतियोगिता: ‘क्या शहरी जीवन ग्रामीण जीवन से बेहतर है” विषय पर हुआ मंथन

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हल्द्वानी। दीक्षांत इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी अंतरसदनीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में मुख्यातिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार रमेशचन्द्र द्विवेदी व दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी उपस्थित थे।
विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास के लिए दीक्षांत स्कूल पहले ही अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते आ रहा है। प्रतियोगिता दो श्रेणियों में आयोजित की गयी। जूनियर वर्ग जिसमें कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की, उनके वाद-विवाद का विषय ‘क्या शहरी जीवन ग्रामीण जीवन से बेहतर है?’ था। सीनियर वर्ग जिसमें कक्षा 9 और 11 के विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की, उनके वाद-विवाद का विषय ‘क्या विश्व शांति प्राप्त करने के लिए परमाणु निरस्त्रीकरण अनिवार्य है?’ था। प्रतिभागियों को तर्क की सामग्री, उच्चारण, आत्मविश्वास, और अभिव्यक्ति के आधार पर निर्णय दिया गया। प्रत्येक सदन से दो छात्रों ने बहस में भाग लिया, उन्होंने प्रस्ताव के ‘पक्ष’ और ‘विपक्ष’ में अपने विचार प्रस्तुत किए। जूनियर वर्ग में अद्विक शर्मा(पक्ष) और आद्या भट्ट(विपक्ष) सर्वश्रेष्ठ वक्ता, नितिन रुवाली और कुशाग्र त्रिपाठी को विशेष वक्ता के रूप में पुरस्कृत किया गया।

सीनियर वर्ग में इक्षित शर्मा(पक्ष) और गौरिका जोशी(विपक्ष) को सर्वश्रेष्ठ वक्ता, दीपांशी महर और स्वास्तिक पांडे को विशेष वक्ता के रूप में पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता चार सदनों के मध्य हुई, जिसमें हिंदी वाद-विवाद की ट्रोफी अग्नि सदन ने जीती।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधक समित टिक्कू एवं श्रीमती स्मृति टिक्कू ने मुख्य अतिथियों को स्कूल द्वारा स्मृति चिह्न भेंट किए व विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए उनके आत्मविश्वास व बेबाक प्रश्नोत्तरी की सराहना की। विद्यालय के प्रधानाचार्य रूपक पांडे व उपप्रधानाचार्या श्रीमती अंजु शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की।

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