नई दिल्ली। भारत सरकार की ओर से भारत रत्न सम्मान के एलान के बाद पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी पहली बार नजर आए हैं। उन्होंने अपने घर से हाथ हिलाकर लोगों और मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया है। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी भी नजर आ रही हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी ने भारत रत्न सम्मान के बाद उनका मुंह मीठा किया और उन्हें गले लगाकर बधाई दी।
भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। खुद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी घोषणा की। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में कहा कि भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बेटी प्रतिभा आडवाणी ने अपने पिता को भारत रत्न दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। प्रतिभा आडवाणी ने कहा, “पूरा परिवार और मैं बहुत खुश हैं कि उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया है। इस मौके पर मुझे मेरी मां की याद आ रही है। उनका दादा (आडवाणी जी) के सार्वजनिक और निजी जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। सम्मान की बात जानकर दादा बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया। वह प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश के लोगों को धन्यवाद देते हैं कि उन्हें जीवन के इस मुकाम पर यह सम्मान दिया जा रहा है।” प्रतिभा आडवाणी ने कहा, “वह बहुत अभिभूत हैं। वह कम बोलने वाले व्यक्ति हैं। लेकिन उसकी आंखों में आंसू थे। उन्हें इस बात की खुशी और संतोष है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। इसलिए, हम बहुत खुश हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।
आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में आरएसएस प्रचारक के काम में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। 1984 में महज दो सीटें हासिल करने वाली पार्टी को अगले लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और भाजपा सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।