देहरादून। उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता व कोविड प्रभारी मंत्री सुबोध उनियाल ने स्पष्ट किया है कि सरकार को कर्फ्यू लगाने का कोई शौक नहीं है। मंत्री के अनुसार हम परिस्थितियों को परख रहे है। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। सरकार दबाव में नहीं आएगी लेकिन 8 जून के बाद थोड़ी राहत दी जा सकती है। इसको लेकर आज मंथन होगा। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में लागू कोविड कर्फ्यू में दी जा रही ढील के बाद अब उत्तराखंड सरकार भी इस दिशा में मंथन में जुट गई है। इसके तहत चौथे चरण के कोविड कर्फ्यू की अवधि आठ जून को समाप्त होने के बाद चरणबद्ध ढंग से बाजार खोले जा सकते हैं। सरकार यह भी विचार कर रही है कि जिलों में विकासखंड स्तर पर समीक्षा कर संक्रमण के प्रभाव वाले विकासखंडों को छोड़कर शेष को छूट दे दी जाए। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले जिलों में बाहरी जिलों से जाने वालों के लिए 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की जा सकती है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिलेवार आंकड़ों की समीक्षा के बाद ही सरकार कोई निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए फैसले लिए जाएंग.
प्रदेश में लागू कोरोना कर्फ्यू के बाद अब स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। दो दिनों से संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार के आसपास बना हुआ है। इस बीच विभिन्न राज्यों में कर्फ्यू से छूट देने का क्रम शुरू हुआ है तो उत्तराखंड में भी इसकी मांग उठने लगी है। खासकर व्यापारी वर्ग की ओर से यह मांग प्रमुखता से उठाई जा रही है कि बाजार खोलने की छूट दी जाए। इस सबको देखते हुए सरकार भी मंथन में जुट गई है।