भारत में कोविशील्ड वैक्सीन बना रही सीरम इंस्टीट्यूट ने स्पूतनिक वी वैक्सीन बनाने की भी अनुमति मांगी

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दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से देश में कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक वी के उत्पादन के लिए अनुमति मांगी है। सूत्रों ने बताया कि पुणे स्थित कंपनी ने वैक्सीन के परिक्षण के लिए भी डीसीजीआई को आवेदन दिया है। भारत के औषधि महानियंत्रक की ओर से डा. रेड्डी प्रयोगशाला को स्पूतनिक वी टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
सूत्र ने कहा, ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने बुधवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को एक आवेदन दिया, जिसमें भारत में कोविड​​​​-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी के निर्माण के लिए परीक्षण लाइसेंस की अनुमति मांगी।’
सीरम इंस्टीट्यूट ने सरकार को पहले ही बता दिया है कि वह जून में 10 करोड़ कोविशिल्ड वैक्सीन की खुराक का निर्माण और आपूर्ति करेगी। दूसरी तरफ वह नोवावैक्स वैक्सीन का निर्माण भी कर रही है, जिसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से नियामक मंजूरी का इंतजार है। वैक्सीन को अप्रैल में डीसीजीआई द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिया गया था।
इससे पहले मंगलवार को रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी की 30 लाख खुराक की एक खेप हैदराबाद पहुंची। 56.6 टन वजनी, टीके की यह खेप भारत में आयात होने वाली अब तक की सबसे बड़ी खेप थी। स्पूतनिक वी के भंडारण के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। इसे शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर रखा जाता है। डा. रेड्डी का रूस के साथ भारत में स्पूतनिक वी की 12.5 करोड़ खुराक बेचने को लेकर करार हुआ है।

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