हरिद्वार। हरिद्वार जिले के रुड़की शहर के रेलवे स्टेशन पर पुलिस की वर्दी में रौब गालिब करना देहरादून के 28 वर्षीय युवक को भारी पड़ गया। यात्रियों की शिकायत पर जीआरपी की टीम ने फर्जी पुलिसकर्मी को दबोच लिया। आरोपी ने उत्तराखंड पुलिस के कांस्टेबल की वर्दी धारण कर रखी थी। तलाशी में आरोपी के पास से चोरी के तीन फोन बरामद हुए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपनी आजीविका चलाने के लिए वर्दी का गलत इस्तेमाल करता था।
पुलिस अधीक्षक जीआरपी सरिता डोभाल और पुलिस उपाधीक्षक रेलवे स्वप्निल मुयाल के दिशा निर्देश पर लक्सर जीआरपी थाना इंचार्ज संजय शर्मा को फर्जी पुलिस कर्मी की सूचना मिली थी। जिसके बाद रुड़की रेलवे स्टेशन की जीआरपी चौकी प्रभारी प्रीति कर्णवाल के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। अधिकारियों से मिले इनपुट को फॉलो कर टीम फर्जी पुलिस कर्मी की तलाश में जुटी थी। शनिवार को दोपहर के वक्त कुछ यात्री जीआरपी चौकी पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस कर्मियों को बताया कि एक कांस्टेबल उन्हें परेशान कर रहा है और दबाव बनाकर अवैध वसूली की फिराक में है। जिसके बाद चौकी से एक टीम मौके पर पहुंची और जरीफ पुत्र रशीद अहमद, निवासी लेन नंबर 4 टर्नर रोड थाना क्लेमनटाउन देहरादून को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। सख्ती से पूछताछ पर जरीफ की हिम्मत टूट गई। जरीफ ने बताया कि वह पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से अवैध वसूली करता था। पुलिस टीम एडीएसआई गिरीश चंद्र उनियाल, कांस्टेबल जाहुल हसन मिर्जा, सन्नी कुमार, प्रदीप कुमार, जयपाल सैनी, वीरेंद्र कुमार, कीर्तन सिंह और दीपक शामिल रहे।
छठी पास के उत्तराखंड पुलिस की वर्दी में गिरफ्तार होने के बाद अधिकारियों ने भी फर्जी पुलिस की वर्दी पहनकर घूम रहे आरोपी कि जमकर क्लास ली। कड़ी पूछताछ में आरोपी ने सारे राज उगल दिए। बताया कि वह काफी समय पहले पीआरडी की वर्दी पहना था लेकिन फिर उत्तराखंड पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से वसूली करने लगा।
जरीफ करीब ढाई साल से पुलिस की वर्दी पहनकर आसपास के इलाके के अलावा ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से वसूली कर रहा था। कई लोगों को अवैध वसूली कर चुका था। जिसकी सूचना देहरादून पुलिस से लेकर रुड़की पुलिस तक पहुंच चुकी थी। देहरादून पुलिस से लेकर रुड़की पुलिस तक को जरीफ की तलाश थी। एसओजी को आरोपी को पकड़ने के लिए खूब पसीना बहाया।