दिल्ली। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक वारिस को लेकर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी में कुछ साल पहले हुआ विद्रोह अभी थमा नहीं है अब बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। टूट के कगार पर पहुंच चुकी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में खुलकर बगावत के सुर उठने लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक लोजपा के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को उनकी ही पार्टी के अधिकांश सांसदों द्वारा लोकसभा संसदीय दल के नेता के पद से हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
लोजपा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नया नेता चुना है, जो वर्तमान में बिहार में हाजीपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा, ‘लोजपा सांसदों ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में नए घटनाक्रम के बारे में एक पत्र सौंपा। उन्होंने उनसे पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नया नेता मानने का अनुरोध किया है।’
पार्टी सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान के पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संरक्षक रामविलास पासवान के निधन के बाद की कार्यशैली से लोजपा सांसद खुश नहीं हैं। लोजपा के लोकसभा में कुल छह सांसद हैं और पांच सांसदों ने सर्वसम्मति से निचले सदन में पशुपति पारस को पार्टी का नेता चुना है। इस कदम को बिहार की राजनीति में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। लोजपा वर्तमान में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है।
इन पांचों सांसदों का नेतृत्व राम विलास पासवान के छोटे भाई और हाजीपुर के सांसद पशुपति नाथ पारस कर रहे हैं। बागी पांचों सांसदों पशुपति पारस, प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर के जेडीयू में शामिल होने की भी चर्चा है। इसके साथ लोकसभा में चिराग अकेले पड़ जाएंगे।