कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 2020 से ज्यादा खतरनाक, लापरवाही बरती तो फिर बिगड़ सकते हैं हालात: डॉ वीके पाॅल

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दिल्ली। भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अभी वायरस का संचरण बहुत कम है। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 2020 के मुकाबले ज़्यादा चालाक हो गया है। अब हमें ज्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। हमें ज्यादा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। मास्क लगातार पहने रखना होगा। कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करना होगा। इसके बिना परिस्थिति फिर खराब हो सकती है।
उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट ने कोरोना की दूसरी लहर में प्रमुख भूमिका निभाई। इस वेरिएंट के एक अतिरिक्त म्यूटेशन का पता लगा है, जिसे डेल्टा प्लस के रूप में जाना जाता है। इसका वैश्विक डेटा सिस्टम प्रस्तुत किया गया है। इसे मार्च से यूरोप में देखा गया है और इसे 13 जून को सार्वजनिक डोमेन में लाया गया है। उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक प्रकार का इंटरेस्ट है। इसे अभी तक वेरिएंट की चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह वेरिएंट मोनो क्लोनल एंटीबॉडी के उपयोग को समाप्त करता है। हम इस वैरिएंट के बारे में और अध्ययन करेंगे और जानेंगे।
डॉ. पॉल उन्होंने कहा कि नोवावैक्स वैक्सीन के रिजल्ट आशाजनक हैं। हम सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों से परख रहे हैं कि यह टीका बहुत सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी है। इसका उत्पादन भारत में किया जाएगा। क्लिनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं और एडवांस चरण पूरा होने की ओर है। नोवावैक्स वैक्सीन के उत्पादन में कुछ समय के लिए रहेगा। मैं यह भी उम्मीद कर रहा हूं कि वे (अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स) बच्चों पर भी परीक्षण शुरू करेंगे।
नए केसों की रफ्तार में 85 फीसदी तक की कमी
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते दिनों कोरोना के पीक से तुलना करें तो नए केसों की रफ्तार में 85 फीसदी तक की कमी आई है। 75 दिनों के बाद यह स्थिति देखने को मिली है। इससे पता चलता है कि देश भर में ही संक्रमण दर लगातार कम हो रही है।

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