ख़बर शेयर करें -

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में आई आपदा को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बचाव और राहत कार्य सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसमें पूरी क्षमता से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक चमोली में आई आपदा में कम से कम 125 लोगों के लापता होने की जानकारी है। सात शव बरामद कर लिए गए हैं। नुकसान का आकलन जारी है, जबकि कारण भी पता लगाया जा रहा है। वहीं, उन्होंने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।
रविवार देर शाम आपदा कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा नीति घाटी में रेणी गांव के पास ऋषि गंगा में अचानक पानी और मलबा आने की जानकारी मिली थी। यहां पर दो जल विद्युत परियोजनाएं हैं और दोनों को ही नुकसान हुआ है। करीब 13 मेगावाट की एक परियोजना में 35-36 लोग काम करते थे। इसी परियोजना से पांच किलोमीटर की दूरी पर निर्माणाधीन एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना में करीब 176 श्रमिक कार्यरत थे, उनका रिकॉर्ड गायब हो गया है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक बचाव एवं राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया था। उन्होंने खुद हवाई सर्वे किया और इसके बाद गाड़ी से रेणी गांव तक पहुंचे। देर शाम तक पानी का बहाव श्रीनगर आते-आते धीमा हो गया था और इससे आगे किसी खतरे की आशंका नहीं जताई जा रही है। करीब 40 लोगों को बचा भी लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय सरकार का पूरा ध्यान राहत और बचाव पर है। देर शाम तक धौली गंगा पर रैणी गांव को अन्य से जोड़ने वाला 90 स्पान का मोटर पुल और चार अन्य झूला पुलों के बहने की जानकारी है। धौली गंगा के एक किनारे पर करीब 17 गांव हैं, जो सड़क न होने के कारण संपर्क से कट गए हैं। इनमें से 11 गांव माइग्रेटरी हैं और सर्दियों में इन गांवों के लोग गोपेश्वर आ जाते हैं।

Ad