शकुनाखर की कार्यशाला: उत्तराखंड के लुप्त होते मंगल गीतों के बारे में विस्तार पूर्वक दी गई जानकारी

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हल्द्वानी। एमबीपीजी के संगीत विभाग द्वारा एक दिवसीय शकुनाखर (मंगल गीत) की कार्यशाला तथा होली गायन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य डा.एन.एस.बनकोटी द्वारा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुश्री लता कुंजवाल का स्वागत किया गया। छात्राओं द्वारा स्वागत गीत का गायन किया गया। उत्तराखंड के लुप्त होते मंगल गीतों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी छात्र छात्राओं को दी गई जिसमे विभिन्न संस्कार गीतों का गायन भी किया गया। संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा राग काफ़ी तथा पीलू में होली गायन की प्रस्तुति दी गई जिसमे काम्या, रिया, कशिश, कल्पना, मनीषा प्रियंका, मेघा, प्रीति, चाँदनी आदि ने गायन की प्रस्तुति दी।


बुरांशी को फूल,आखियन पड़त गुलाल,आज खेलो श्याम संग होली आदि की प्रस्तुति संगीत विभाग के प्राध्यापक डा.दीपा नन्दा तथा डा. गंगा तमांग के निर्देशन में छात्र छात्राओं द्वारा दी गई।कृतार्थ टम्टा द्वारा ‘बाना ओ रंगीली बाना’,आयुष,नितेश,प्रभु तथा तनीष द्वारा भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये।संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डा. गोविंद सिंह बोरा द्वारा ‘मोरे कान्हा जो आए’होली गायन किया गया।संगीत विभाग की डा.दीपा नंदा द्वारा ‘रंग डारूँगी’,डा. गंगा तमांग द्वारा ‘मुबारक मंजरी फूलो भरी’आदि की प्रस्तुति दी।महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा छात्र छात्राओं को आशीष वचनों से अनुग्रहित करते हुए संस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम का संचालन डा.दीपा नन्दा द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम में डा.महेश पांडे,डा.पंकज,डा.उषा,डा.कविता,डा.पंकज,डा.ज्योति,डा.प्रभा पंत तथा डा.रोहित जोशी,डा.हिमांशु जोशी आदि उपस्थित रहे।

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