रचनाकार ललिता कापडी को साहित्यिक सेवा व सामाजिक कार्यों के लिए मिला संपर्क अपराजिता सम्मान

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हल्द्वानी। हल्द्वानी निवासी रचनाकार *ललिता कापडी* को उनकी साहित्यिक सेवा व सामाजिक कार्यों के लिए मिला संपर्क अपराजिता सम्मान मिला है।

देश भर में सामाजिक सरोकारों में अग्रणी संपर्क संस्थान द्वारा महिला दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में हल्द्वानी निवासी रचनाकार ललिता कापडी को उनकी साहित्यिक,सेवा कार्यों के लिए संपर्क अपराजिता सम्मान से नवाजा गया । संपर्क संस्थान द्वारा आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं के क्रम में टाटा व उनकी विदाई आलेख में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर निर्णायक मंडल व सम्पर्क परिवार ने प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।
हल्द्वानी निवासी ललिता कापड़ी सम्पर्क संस्थान जयपुर से पिछले तीन वर्षों से जुड़ी हुई हैं व मानद सचिव के रूप में अनेक सामाजिक व साहित्यक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि:
सामाजिक और साहित्यिक कार्यों में अग्रणी *संपर्क संस्थान* के तत्वावधान में *‘होली के रंग संपर्क के संग’* कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। फूलों की होली, नृत्य, गीत और संगीत की मधुर प्रस्तुति ने आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। इस अवसर पर *महिला दिवस* के उपलक्ष्य में *‘संपर्क अपराजिता सम्मान’* प्रदान किए गए और पांच पुस्तकों का भव्य विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ *रोजियम ग्रुप* के चेयरमैन **अर्पित जैन**, *श्याम आशीष ग्रुप* के डायरेक्टर **बाबूलाल कुलरिया**, समाजसेवी **दीपा माथुर**, मोटिवेशनल स्पीकर **हरफूल कुलरिया** और **डॉ. अखिल शुक्ला**, साहित्यकार **शालिनी शर्मा** द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।

संस्थान के अध्यक्ष **अनिल लढ़ा** ने *‘सेव बेटी, सेफ बेटी’* मिशन पर प्रकाश डालते हुए *425 बेटियों को गोद लेने* और *संपर्क की 24 वर्षों की यात्रा* की विस्तार से जानकारी दी। महासचिव एवं समन्वयक **रेनू शब्द मुखर** ने *संस्थान के साहित्यिक योगदान* पर चर्चा करते हुए अब तक *45 पुस्तकों के विमोचन* की उपलब्धि को रेखांकित किया।

मुख्य अतिथि **अर्पित जैन** ने *संपर्क संस्थान* के साथ सदैव सहयोग का आश्वासन देते हुए इसकी सामाजिक और साहित्यिक पहल की सराहना की। **बाबूलाल कुलरिया** और **हरफूल कुलरिया** ने भी संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए हर संभव सहयोग देने का वचन दिया। समाजसेवी **दीपा माथुर** ने महिलाओं को *सकारात्मक सोच और आत्मनिर्भरता* की ओर प्रेरित किया।

### **पांच पुस्तकों का विमोचन**
इस अवसर पर प्रतिष्ठित साहित्यकारों की पाँच महत्वपूर्ण कृतियों का विमोचन किया गया—
– **सुनीता त्रिपाठी** की *‘तेरे लिए’, ‘सृष्टि का सागर’* और *‘सृष्टिमन’*
– **डॉ. आरती भदौरिया** की *‘साँसों का निनाद’*
– **डॉ. लता सुरेश** की *‘रिश्ते’*

कार्यक्रम का कुशल संचालन **डॉ. आरती भदौरिया** और **सीमा वालिया** ने किया। इस भव्य आयोजन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने सहभागिता की और *संपर्क संस्थान* की इस अनूठी पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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