शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के घर जा धमके सैकड़ों पर्यावरण मित्र, मंत्री के आश्वासन से संतुष्ट होकर वापस लौटे

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हल्द्वानी। उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ से जुङे सैकडों पर्यावरण मित्र अपनी मांगों के समर्थन में आज उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के आवास पर जा धमके। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शहरी विकास मंत्री ने उनकी मांगों को सुना। इससे पहले संगठन ने मंत्री आवास के घेराव की धमकी दी थी। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार, राठौर के नेतृत्व में कर्मचारी मंत्री श्रीभगत के आवास पहुंचे। शहरी विकास मंत्री ने आक्रोशित कर्मचारियों के बीच आकर उनकी मांगों को गंभीरता से सुना। उनकी मांगों पर शासन स्तर पर विचार करने का के कहा। श्री भगत ने कहा कि पर्यावरण मित्र इ देखी ताकत है, कोरोना काल में जीवन को दाव पर लगाकर सेवा की। सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखेंगी।
पदाधिकारियों ने कहा कि ठेका प्रथा समाप्त करने और स्थायीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर समय से इंतजार किया जा रहा है। लेकिन अभी तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। जिस वजह कर्मचारियों का धैर्य भी जवाब दे रहा है। प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार राजौर, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश लाला, शाखाध्यक्ष विनय पाल, महिला मोर्चा अध्यक्ष माया नैथानी, मीरा आदि ने मांगों को उठाया। उन्होंने कहा कि सभी निकायों, सरकारी अस्पताल व शिक्षण संस्थानों में ठेका प्रथा बंद कर स्थायी भर्ती होनी चाहिए।सालों से काम कर रहे संविदा, उपनल, दैनिक श्रमिकों को वरिष्ठता के हिसाब से स्थायी किया जाए। दस हजार लोगों पर 28 स्थायी कर्मी का आंकड़ा होना चाहिए। चालकों के पद भी परमानेंट होने चाहिए। नियमावली में संशोधन कर कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक व चालक पद पर पदोन्नत किया जाए। मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन कर परिवार में सरकारी सेवक होने पर भी किसी एक को नियुक्ति मिले। वर्तमान पेंशन योजना व एनपीएस की जगह पर 2005 की व्यवस्था लागू करने की मांग। सफाई कर्मचारियों का जीवन व सुरक्षा बीमा होना चाहिए। राज्य कर्मचारियों की भांति धुलाई व टूल भत्ता मिलना चाहिए। सफाई कर्मचारियों को आवासों पर मालिकाना हक की मांग। भूमिहीन बाल्मीकि समाज के लोगों का स्थायी व जाति प्र्रमाणपत्र प्राथमिकता से बने। पर्यावरण मित्र पदनाम को संशोधित कर सफाई सैनिक नाम दिया जाए। शहरी विकास मंत्री के आश्वासन के बाद कर्मचारी वापस चले गए। उन्होंने विश्वास जताया कि विभागीय मंत्री उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे।

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