हरीश रावत ने अब तीलू रौतेली पुरस्कार पर उठाए सवाल, कहा-कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद होगा सही चयन, वीर माधो सिंह पुरस्कार भी करेंगे शुरू

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देहरादून। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने अब तीलू रौतेली पुरस्कारों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कहा है कि इस पुरस्कार वितरण को लेकर सवाल खड़े हुए। हालात यह हुए कि कई भाजपा महिला कार्यकर्ताओं को इस वर्ष इस प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार से नवाजा गया। हरीश रावत बोले कि इस वर्ष के “तीलू_रौतेली” पुरस्कार में चयनित नामों को लेकर जो विवाद हुआ है, वो चिंताजनक है। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि जो लोग चयनित हुये हैं वो पात्र नहीं थे, वो सुपात्र हो सकते हैं। मगर सक्रिय राजनैतिक पृष्ठभूमि से हैं।हम जो राजनैतिक पृष्ठभूमि हैं हमारा उद्देश्य किसी काम को करने के पीछे अपनी पार्टी को लाभान्वित करना होता है, उसे निस्वार्थ सेवा या विशुद्ध समाज सेवा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसमें राजनैतिक सेवा जुड़ी रहती हैं।मैं समझता हूँ, कि इस प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना आवश्यक है या तो सक्रिय राजनीति से जुड़े हुये लोग चयनित न हों और यदि आप उनको चयनित करना चाहते हैं तो फिर आप डिजिटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करिए। पारदर्शी प्रारूप बनाते हुये मानक तय कीजिये और ज़िला स्तर पर आवेदन स्वीकार करते हुये,आवेदनों पर जिले में ही डिजिटल माध्यम से वोटिंग करवाई जाए और वहां से जो नाम स्क्रीन होकर के आएं, उन नामों में से ही चयन किया जाए। मैं सोचता हूँ कि कांग्रेस की सरकार आने में हमको न केवल “तीलू रौतेली पुरस्कार” की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना चाहिए बल्कि हम पुरुषों के लिए भी “वीर_माधो_सिंह_भंडारी पुरस्कार” स्थापित करेंगे ताकि समाज के अंदर विशिष्ट कार्य करने की प्रवृत्ति बड़े। मैंने इसलिये “#उत्तराखंड_रत्न_पुरस्कार” स्थापित किया था और पहले वर्ष जिन लोगों का चयन किया था, उनमें से किसी नाम पर कोई उंगली उठने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता था और अब मैं समझता हूँ कि “समय आ गया है” जब हम उत्तराखंड में अपने किसी श्रेष्ठ खिलाड़ी के नाम पर “राज्य_खेल_रत्न_पुरस्कार” भी प्रारम्भ करें।

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