सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनल कर्मियों के समर्थन में व्यापार मंडल, कहा-नियमितीकरण के बजाय शोषण ठीक नहीं

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हल्द्वानी। सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में कार्यरत लगभग 700 उपनल कर्मचारियों की हङताल को एक महीना हो गया है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया। इस बीच प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनल कर्मचारियों के शोषण को गलत बताया है।
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा है कि उत्तराखंड सुशीला तिवारी चिकित्सालय में कार्यरत उपनल कर्मचारियों द्वारा लगभग एक माह से की जा रही हड़ताल का समर्थन करते हुए, हङतालको जायजठहराया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने धरना स्थल पर जाकर आन्दोलनरत कर्मचारियों को समर्थन देते हुए कहा कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती किए गए कर्मचारियों से पूरी सेवाएं ली जा रही है लेकिन उनके कार्य के अनुरूप उनका वेतन मान बहुत ही कम है। सरकार को इन कर्मचारियों की पीड़ा समझनी चाहिए व्यापारी संगठन के कौशलेंद्र भट्ट, विपिन गुप्ता एवं नवनीत राणा ने भी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि आंदोलनरत कर्मचारी 15 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दिन-रात दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में भी इन कर्मचारियों द्वारा उल्लेखनीय सेवाएं दी गई है ऐसे में सरकार इन कर्मचारियों का शोषण कर रही है जो पूरे समाज के लिए एक अच्छा संदेश नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में लिखेंगे और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अरुण जोशी से भी वार्ता करेंगे उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र नहीं माना गया तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
इस बीच सुशीला तिवारी उपनल कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष पीएस बोरा ने कहा कि संगठन की स्पष्ट मांग है कि जब उपनल कर्मचारी अन्य कर्मचारियों के समान काम कर रहे हैं तो ‌‌उन्हें नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है कि वह 15 से लेकर 20 साल से अस्पताल में तैनात हैं, उन्हें नियमित करने के बजाए उपनल कर्मचारी घोषित कर देना न केवल उत्पीड़न है, बल्कि नियमों के खिलाफ है। कहा कि नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।

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