खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक होकर रह गया है पुलिस और प्रशासन

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खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक होकर रह गया है पुलिस और प्रशासन

सुशील भाटिया

कोटद्वार। ‘सैंया भए कोतवाल फिर डर काहे का’ यह कहावत यहां खोह नदी में अवैध रूप से खनन कर रहे खनन माफियाओं पर सटीक बैठ रही है। डीआईजी गढ़वाल और डीएम पौड़ी के अवैध खनन को रोकने के आदेश (निर्देश) स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं।
खनन माफिया रात दिन खोह नदी का सीना चीरकर रेत-बजरी व पत्थरों का दोहन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन चैन की नींद सोया हुआ है। लगता है खनन माफियाओं के लिए कानून-कायदे नाम का कोई भय ही नहीं है। पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी हूटर बजाते हुए निकल जाती है और अवैध खनन से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खुलेआम उसकी बगल से निकल जाती हैं। पुलिस को यह ट्रैक्टर-ट्रॉलियां नजर ही नहीं आती। प्रशासन तो खोह नदी में झांकने की हिम्मत नहीं करता। साफ है कि खोह नदी में पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में ही अवैध खनन का खेल जारी हैं।
सुशील भाटिया

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