हरिद्वार में भूमिगत केबलिंग परियोजना कि हुआ शुभारंभ, मुख्यमंत्री ने कहा तीर्थ नगर के लिए नई उपलब्धि

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देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने वर्चुअल माध्यम से हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक, विधायक प्रदीप बत्रा भी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार आदि काल से धर्मनगरी के नाम से प्रसिद्ध है, साल भर में हरिद्वार में अनेक पर्वों एवं स्नानों का आयोजन होता है। हरिद्वार करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा भारत का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आधुनिक और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण, वैज्ञानिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने और मानव संसाधनों का विकास करने की दिशा में 75 सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तारतम्य में भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की आईपीडीएस योजना के अंतर्गत हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र में आज भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एकीकृत विद्युत विकास योजना के अंतर्गत हरिद्वार की विद्युत लाइनों को केबल के माध्यम से भूमिगत किए जाने के लिए भारत सरकार ने 388.49 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उत्तराखंड पाॅवर काॅरपोरेशन लिमिटेड एवं भूमिगत केबलिंग का कार्य सफलतापूर्वक एवं समय पर पूर्ण कराने पर सराहना भी की।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने कहा कि इस परियोजना का क्रियान्वयन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी विजन के अनुरूप किया गया है और इस प्रक्रिया में स्थानीय व्यक्तियों के हितों को सर्वोपरि रखा गया है। इस भूमिगत केबलिंग परियोजना के लोकार्पण से कुंभ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में कोई भी व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा और हरिद्वार के उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हो सकेगी। इससे बारिश और आंधी-तूफान से जर्जर तारों के टूटने और इससे होने वाली संभावित दुर्घटनाएं भी टल जाएंगी। विद्युत लाइनों के अंडरग्राउंड होने से जहां रखरखाव के खर्च में कमी आएगी वहीं आवासीय व वाणिज्यिक क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए खुला स्थान उपलब्ध हो सकेगा। इसके साथ ही सड़कों का चैड़ीकरण भी आसानी से हो सकेगा, जिससे वाहनों का दबाव भी कम होगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में दिव्य, भव्य, सुंदर और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से तैयार है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर यहां पर सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साधु-संतों और भक्तों को यहां कोई समस्या न हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने हरिद्वार कुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि कोविड को लेकर भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन जरूर करें। सभी मास्क पहनें, समय-समय पर हाथ धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें।
केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि आज हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में भूमिगत केबलिंग परियोजना का लोकार्पण किया गया है यह कुंभ क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों के लिए खुशी का दिन है। हरिद्वार लोंगों की आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। हरिद्वार के विकास में हमें भी योगदान देने का मौका मिला, यह हमारा शौभाग्य है। उन्होंने कहा कि अंडरग्राउण्ड केबलिंग से बिजली की गुणवत्ता में बहुत सुधार आता है। अन्डरग्राउण्ड केबलिंग से विद्युत हानि में भी काफी कमी आयेगी। उन्होंने इस प्रोजक्ट को जल्द पूर्ण करवाने के लिए सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा एवं यूपीसीएल के अधिकारियों को बधाई दी। श्री आर.के. सिंह ने कहा हरिद्वार में अंडरग्राउण्ड केबलिंग को और विस्तार देने के प्रयास किये जायेंगे। अंडरग्राउण्ड केबलिंग की व्यवस्था से जुड़ने वाला बनारस के बाद हरिद्वार दूसरा राज्य है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भारत सरकार द्वारा बनारस के बाद हरिद्वार शहर को भूमिगत कैबलिंग के लिए चयनित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरिद्वार में कुम्भ मेले के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण पर्वों में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। भूमिगत केबल होने से यहां की आम जनता के साथ ही श्रद्धालुओं को भी काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि भूमिगत कैबलिंग से बिजली चोरी में भी कमी आयेगी। मुख्य सचिव ने हरिद्वार शहर में भूमिगत केबल के कार्य को समय से पूर्व पूर्ण किए जाने को एक उपलब्धि बताते हुए केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री से उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटक स्थलों में भी भूमिगत केबल किए जाने का अनुरोध किया।

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