उत्तराखंड में कर्मचारियों-अफसरों ने की हड़ताल तो कटेगा वेतन, काम नहीं तो वेतन नहीं नियम लागू

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा की जाने वाली हड़ताल और कार्य बहिष्कार पर सख्त रुख अपनाया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आदेश जारी कर कहा कि प्रदेश के सभी विभागों में कार्य नहीं, तो वेतन नहीं (नो वर्क नो पे) का आदेश सख्ती से लागू किया जाए। हड़ताल व कार्य बहिष्कार के लिए जो कार्मिक अवकाश लेंगे, उन्हें अनुपस्थित मानते हुए उनकी अनुपस्थिति की अवधि का वेतन जारी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उनका मार्च माह का वेतन भी अग्रिम आदेशों तक जारी नहीं किया जाएगा।
प्रदेश में इस समय कई कर्मचारी संगठन आंदोलन की राह पर हैं। इनमें मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी, सचिवालय कर्मचारी व शिक्षक संगठन आदि शामिल हैं। मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों ने पांच अप्रैल से हड़ताल का अल्टीमेटम दिया हुआ है। इस पर अब शासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा जारी आदेश के अनुसार कर्मचारी संगठनों के हड़ताल व कार्यबहिष्कार में जाने के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार द्वारा संचालित जनहित की योजनाओं का कार्य भी प्रभावित होता है। कर्मचारियों की हड़ताल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली में भी प्रतिबंधित है। इसे लेकर समय-समय पर दिशा निर्देश पारित किए गए हैं। इन सभी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही जो भी कार्मिक अवकाश लेकर हड़ताल में शामिल होगा, उसका वेतन भी काटा जाएगा और मार्च माह का वेतन भी नहीं दिया जाएगा।

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