एक ऐसा धाम जहां निर्मल मन से की गयी प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती।

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राजेंद्र पंत रमाकांत 

हल्द्वानी / कल्याणी कालिका के इस भू-लोक में अनेक शक्ति स्थल है, जिनकी विमल आभा में प्राणी जगत स्वयं को सदैव सुखी व सुरक्षित महसूस करता है। ऐसा ही एक परम शक्ति स्थल है कालीचौड़ धाम।

एक ऐसा धाम जहां निर्मल मन से की गयी प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। कालीचौड़ धाम की महिमा किसी शक्तिपीठ से कम नहीं है।

देवालयों की लम्बी श्रृंखला के क्रम में जगतजननी जगदम्बा के कालीचौड़ स्थित काली मंदिर की महिमा का यहां विशेष महत्व है।

आध्यात्मिक शांति को समेटे कालीचौड़ का काली मंदिर माता जगदम्बा की ओर से भक्तों के लिए अनुपम भेंट है। पावन भूमि उत्तराखण्ड में कुमाऊं क्षेत्र के अन्तर्गत काठगोदाम के पास वियावान वन में स्थित काली का यह मंदिर प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की आराधना और तपस्या का केन्द्र रहा है*।

यह देवी दरबार प्राचीन काल से ही पूजनीय रहा है। कथाओं के अनुसार सतयुग में सप्त ऋषियों ने इस स्थान पर भगवती की आराधना, तपस्या करके मनोवांछित लौकिक व अलौकिक सिद्वियां प्राप्त की इन्हीं सिद्वियों के प्रताप से उन्होंने सप्तऋषि लोक की प्राप्ति की। श्री मार्कण्डेय ऋषि ने भी यहां तपस्या करके काली की कृपा को प्राप्त किया। महायोगी महेन्द्र नाथ, सोमवारी बाबा की तो यह अद्भुत साधना स्थली कही जाती है। इतना ही नहीं नानतिन बाबा, टाटम्बरी बाबा, हैड़ाखान बाबा सहित अनेकों संतों ने इस स्थान पर साधना करके कालिका माता से निर्मल ज्ञान की प्राप्ति की यहां की प्राचीन सिद्व शक्ति पीठ में सिद्वबली हनुमान, काल भैरव व भगवान शिव की मूर्तियां विराजमान हैं। पौराणिक काल से अनेक कथाओं को समेटे यह स्थल ऋषि-मुनियों की आराधना के पश्चात काफी समय तक गोपनीय रहा आधुनिक समय में यह स्थान लगभग सात दशक पूर्व प्रकाश में आया कहा जाता है कि वर्ष 1942 से पूर्व कलकत्ता में एक बंगाली भक्त को माता कालिका ने स्वप्न में दर्शन देकर कृतार्थ किया व इस स्थान पर अपनी अलौकिक शक्ति होने का भान कराया। दिव्य प्रेरणा से अभिभूत उस काली भक्त ने इस स्थान की खोज की। व बाद में हल्द्वानी निवासी रामकुमार जी ने इस स्थान को बंगाली बाबा के साथ मिलकर माँ की कृपा से मंदिर रूप में स्थापित किया।* *मंदिर के समीप ही एक तामपत्र निकला इसमें पाली भाषा में महाकाली मंदिर महात्म्य का उल्लेख किया गया है।*

*🌹माता कालिका के इस दरबार में इन दिनों डॉक्टर मनोज पांडे जी की सुधामयी वाणी की धार से श्रीमद्देवी भागवत नवाह ज्ञान यज्ञ का आयोजन हो रहा है आज के आयोजन में मुख्य यजमान श्रीमती संध्या डालाकोटी, व किरण डालाकोटी रहे, मंदिर से जुड़े आस्थावान भक्त अर्जुन सिंह बिष्ट, बसंत सनवाल, मनोज शर्मा, अभिषेक सुयाल ,नवल भट्ट, ललित सुयाल, गणेश कार्की, गंभीर सिंह बिष्ट, पंकज सिंह बिष्ट, मुकेश जोशी, गजेंद्र सिंह बजवाल, भास्कर मिश्रा, पवन सिंह ,विनय दानी, विनोद दानी, धर्मेंद्र शर्मा, कोविड-नियमों का पालन कराते हुए भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।*
लालकुआँ क्षेत्र के आस्थावान भक्तों ने आज कालीचौड़ मंदिर में पहुंचकर माँ काली के दर्शन किए एवं लोक कल्याण की कामना की तथा कोरोनावायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए माँ से प्रार्थना की,
इस अवसर पर आचार्य चन्द्रशेखर जोशी, दिनेश लोहनी, महेश भट्ट, भूवन पाण्डे(छोटा भुवन), पिन्टू यादव, जीवन भण्डारी, मोहित मियान,विनय रजवार, ललित मिश्रा, भुवन सनवाल आदि मौजूद रहे।* ////// रमाकान्त पन्त/////

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