कोरोना संक्रमण: सरकार ने उत्तराखंड में कामिॅक स्थानांतरण सत्र को किया शून्य घोषित

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देहरादून। प्रदेश में कोरोना संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि ने तबादलों को लेकर सरकार के कदमों पर ब्रेक लगा दिया है। चालू सत्र 2021-22 में स्थानांतरण नहीं किए जाएंगे। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने आदेश जारी कर स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित कर दिया है।
सरकार ने मौजूदा स्थानांतरण सत्र में प्रत्येक संवर्ग में 10 फीसद या चुनावी आचार संहिता के अनुरूप वांछित स्थानांतरण के आदेश बीती 19 फरवरी को जारी किए थे। कोविड-19 की वजह से ही बीते सत्र में भी कार्मिकों के स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया गया था। अब कोरोना संक्रमण में जिस तेजी के साथ वृद्धि हुई है, उससे कार्मिकों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से संक्रमण फैलने का अंदेशा है। राज्य में कोविड कर्फ्यू की स्थिति है। राज्य में आर्थिक गतिविधियां बंद होने से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकृल प्रभाव पड़ा है।
मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में बीती 19 फरवरी के आदेश को अतिक्रमित करते हुए स्थानांतरणों पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों, अपर सचिवों के साथ ही गढ़वाल व कुमाऊं के मंडलायुक्तों, सभी जिलाधिकारियों व विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि जिन सेवाओं में स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के प्रविधान लागू हैं, उनमें स्थानांतरण सत्र शून्य रहेगा। सिर्फ चुनाव आचार संहिता और प्रशासनिक कारणों के तहत ही तबादले हो सकेंगे।शासनादेश में यह भी उल्लेख है कि किसी अधिकारी या कर्मचारी को किसी प्रकार की दिक्कत होने की स्थिति में स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत स्थानांतरण समिति के समक्ष स्थानांतरण के प्रस्ताव उपलब्ध कराए जा सकते हैं। समिति विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण प्रस्तावों पर विचार करेगी।

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