हल्द्वानी। एक पखवाडा पहले उत्तराखंड के आवास एवं शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर हल्द्वानी में एम्स अस्पताल खोलने का अनुरोध किया था। इसी अनुरोध को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कुमाऊँ में एम्स की शाखा खोलने का रखा। इस सब प्रक्रिया के बाद अब रानीबाग में बंद एचएमटी फैक्टरी में एम्स की शाखा खुलने की संभावना बढ़ गई है।
एक साल पहले कोरोना महामारी शुरू होते ही कुमाऊँ के सबसे बङे अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित करने के बाद से ही कुमाऊँ में एम्स अस्पताल खोलने की मांग शुरू हो गई थी। कुछ समय पहले पिथौरागढ़ मेके भाजपा नेता गोपू महर ने इस संबंध में मुहिम शुरू की। ऊधमसिंह नगर के कांग्रेस नेता डा गणेश उपाध्याय ने भी इस संबंध में कई अफसरों को पत्र भेजे।
इस कोरोना काल में रोगियों की संख्या बढ़ने और कई लोगों की मौत के बाद शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने इस संबंध में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। श्री भगत ने उन्हें प्रस्ताव भी सौपा। कहा कि रानीबाग में बंद पङी एचएमटी फैक्टरी एम्स बनाने के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। इसमें सैकडों कमरे हैं। बङे बङे हाल बने हैं। यह कुमाऊँ का मुख्य द्वार है। कुमाऊँ के मरीजों को इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स जाना पङता है। कॢई लोगों को वापस आना पङता है। उन्होंने बताया कि इस समय अल्प व्यय में इस अस्पताल का निर्माण किया जा सकता है।
शहरी विकास मंत्री श्री भगत के इस प्रस्ताव के बाद मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही कई मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि हल्द्वानी के पास रानीबाग में बंद एचएमटी फैक्टरी में एम्स की शाखा खोलने के प्रस्ताव पर अमल किया जाए। इस मुलाकात के बाद अब बंद फैक्टरी में एम्स खुलने की संभावना बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्टरी 1985 में संचालित हुई थी। तत्कालीन उद्योग मंत्री नारायण दत्त तिवारी के प्रयासों से इसकी स्थापना हुई। यह फैक्ट्री अब कई वर्षों से बंद है। 50 एकड़ जमीन में फैली फैक्टरी में आवासीय काॅलोनी भी है। 31 मई को कांग्रेस नेता डा गणेश उपाध्याय ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को विस्तार से पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि बंद पङी फैक्टरी में बङे हिस्सा वन विभाग का भी है। यहां ढांचा तैयार है। यदि केंद्र सरकार स्तर पर प्रयास किए गए तो कम लागत में एम्स अस्पताल का निर्माण हो जाएगा।