ग्राम प्रधानों ने कहा पंचायतों के अधीन करो 29 विभाग, कोरोना महामारी के कारण बढ़ाओं कायाॅकाल, ब्लाक में प्रदर्शन व तालाबंदी

ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। उत्तराखंड के ग्राम प्रधानों ने 15वें वित्त आयोग में की गई कटौती वापस लेने और पंचायतों को 73वें संविधान संशोधन के अनुसार 29 विभाग पंचायतों को सौपने की मांग को लेकर आज ब्लाक कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन कर तालाबंदी कर दी।प्रदेश प्रधान संगठन उत्तराखंड के आह्वाहन पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे आंदोलन का ऐलान किया गया।
आज हल्द्वानी में ब्लॉक अध्य्क्ष श्रीमती रुक्मणी नेगी के नेतृत्व में हल्द्वानी ब्लॉक के प्रधानों ने दफ्तर पहुंच कर तालाबंदी कर दी। यहां हुई सबा में प्रधानों ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर ( सीएससी ) को 2500 प्रतिमाह प्रत्येक ग्राम पंचायत से दिए जाने का आदेश सरकार शीघ्र वापस लें।15 वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर शीघ्र रोक लगाई जाए तथा पूर्व की भांति 15वें वित्त में कंटीन्जेसी की राशि 10% रखी जाए।
73वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू करते हुए 29 विभागों को शीघ्र ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया जाए। कहा कि ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 10000 रुपये किया जाए तथा 5000 मासिक पेंशन के रूप में दिया जाय।
मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन प्रतिवर्ष किया जाय। ताकि कोविड की महामारी से पंचायतों में बेरोजगारी बढ़ चुकी है।जिससे उन्हें रोजगार दिया जा सके।
प्रधानों ने कहा कि ग्राम पंचायतों में पंचायतों के जेई एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति शीघ्र की जाय। जिससे ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों में गति प्राप्त हो। ग्राम विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत विभाग का पूर्व की भांति एकीकरण किया जाय। जिससे कम से कम ग्राम पंचायतें एक ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी को मिल सके। विधायक निधि/सांसद निधि को आधार मानते हुए, ग्राम पंचायतों को भी 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष ग्राम पंचायत निधि की व्यवस्था की जाय। जिसे ग्राम पंचायत अपने स्तर से विकास कार्यों में खर्च कर सके। ग्राम पंचायत को आपदा मद से प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की धनराशि दी जाय। जिससे कि ग्राम पंचायतों में दैवीय आपदा से हुए सरकारी संपत्ति, व ग्रामीणों को व्यक्तिगत हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता व निर्माण कार्य हो सके। ग्राम पंचायत में किसी भी विभाग द्वारा किए जाने वाले विकास कार्य एवम अन्य कार्य में ग्राम पंचायत की खुली बैठक का प्रस्ताव एवं अनुमति क़ो अनिवार्य किया जाये। जिससे कि विवाद उतपन्न ना हो।प्रधानमंत्री आवास योजना में तहत चयनित ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को अतिशीघ्र धनराशि दी जाय। तथा फरवरी 2019 के बाद बंद हुई आवासों की ऑनलाइन प्रक्रिया दुबारा शुरू की जाय। ताकि अन्य पात्र व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। कोरोना संक्रमण के कारण ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाया जाय।
सभा में कहा गया कि जिस प्रकार 1995 में उत्तराखंड मे भूकंप की आपदा के समय पर ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया गया था उसी तर्ज पर इस बार भी 1 वर्ष का कार्यकाल ग्राम पंचायतों का बढ़ाया जाय। सभा को महामंत्री मनीष आयॅ कुंदन बोरा पूर्व जिला अध्यक्ष ग्राम, रुकमणी नेगी अध्यक्ष ग्राम प्रधान संगठन हल्द्वानी,रामलाल महामंत्री प्रधान संगठन हल्द्वानी, चित्रा बिष्ट, दीपा बिष्ट, हरेंद्र असगोला, वीरेंद्र सिंह परगाई, दीपा, तनुजा पांडे,ज्योति, रवि जीना, विनीता त्रिलोक नौला, कमल पडलिया,निशा कुलियाल,किशोर चुफाल, प्रेम रावत,भोपाल सिंह, कमल दुर्गापाल, राजेंद्र जाँगी, नंदन सिंह बोरा, हरक सिंह बिष्ट, विनीता, मीना भट्ट, कुसुम बोरा,सीमा पाठक ने संबोधित किया।

Ad