साइबर क्राइम: वृद्ध महिला को 40 घंटे हाउस डिजिटल अरेस्ट बताकर साइबर ठगों ने ठग लिए 20 लाख रुपए

Ad
ख़बर शेयर करें -

देहरादून। 71 वर्षीय वृद्ध महिला को डिजिटल अरेस्ट बताकर 20.41 लाख रुपये ठग लिए गए। मनी लॉन्ड्रिंग, मानव तस्करी और ड्रग तस्करी में उनके दस्तावेज उपयोग होने का भय दिखाकर घटना की गई। मामले में साइबर अपराध थाना देहरादून पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपियों ने महिला को 40 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट बताकर रखा।

सरकारी नौकरी से रिटायर सुमना सैमुएल निवासी एलना कॉटेज, चालांग, कुल्हान, सहस्रधारा रोड साइबर ठगी का शिकार हुईं। शिकायत में उन्होंने बताया कि 2021 में उनके पति की मौत हो चुकी है। बच्चे बाहर रहते हैं। वह अकेले घर में रहती हैं और हर दूसरे दिन डायलिसिस कराना होता है। बीते 26 फरवरी दोपहर दो बजे उनके मोबाइल नंबर पर अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी दीपक शर्मा बताया। इस दौरान पीड़िता का वीडियो कॉल अपने आप ऑन हो गया और सामने वाले व्यक्ति ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर एक सिम कार्ड जारी हुआ है। जिसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, भारत और विदेश में बच्चों की तस्करी और ड्रग तस्करी में किया जा रहा है। आरोपी ने पीड़िता को धमकाते हुए कहा कि उनके खिलाफ मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। इसके बाद कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी प्रदीप सावंत बताने वाला व्यक्ति जुड़ा। उसने भी पहले डर बनाया फिर मदद का झांसा दिया। कई फर्जी नोटिस पीड़िता को भेजे गए। बताया गया कि महिला की कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई कराएंगे। इसके बाद खुद को जज बताते हुए एक व्यक्ति वीडियो कॉल पर जुड़ा। पीड़िता से कहा गया कि उनके नाम पर मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज है और अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। मानसिक दबाव में आकर उन्होंने अपने बैंक खातों की जानकारी साझा कर दी। उनके बैंक खाते से 20.41 लाख रुपये आरोपियों ने अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। ट्रांसफर कराते हुए झांसा दिया कि उन्हें क्लीयरेंस के बाद पैसा जल्द वापस कर दिया जाएगा। महिला ने अपने खाते से ट्रांजेक्शन की तो उनकी बेटी को शक हुआ। उन्होंने पड़ोसी कुणाल वशिष्ठ को माता के पास भेजा। जिसने महिला की वीडियो कॉल काटा। कुणाल वशिष्ठ ने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। पांच मार्च को पीड़िता ने खुद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई। साइबर अपराध थाने के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। जांच की जा रही है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad